साईकिल से ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने पिता के साथ पुत्र भी रवाना हुए अयोध्या धाम

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रूद्रपुर (उद संवाददाता)। अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हर कोई साक्षी बनना चाहता है। भव्य श्री राम मंदिर में राम लला के विराजमान होने के ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए रूद्रपुर से समाजसेवी जसविंदर सिंह खरबंदा और उनके पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह खरबंदा बीते दिनों साईकिल से अयोध्या धाम की यात्रा पर निकले हैं। अब तक करीब आधी यात्रा पूरी कर चुके जसविंदर सिंह खरबंदा और उनके पुत्र का जगह-जगह लोग फूल मालाओं से स्वागत कर रहे हैं। ओमेक्स कालोनी निवासी वरिष्ठ समाजसेवी जसविंदर सिंह खरबंदा पेशे से किसान हैं और एक बड़े कारोबारी भी हैं। जबकि उनके पुत्र पुष्पेन्द्र खरबंदा आस्टेªलिया में इंजीनियर हैं और इंजीनियरिंग में परास्नातक की पढ़ाई भी कर रहे हैं। इन दिनों वह रूद्रपुर आये हैं। अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर में श्री राम लला की 22 जनवरी को हो रही प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने के लिए दोनों पिता पुत्र ने बीते दिनों अयोध्या धाम की साईकिल यात्रा ओमेक्स कालोनी से शुरू की। अब तक आधे से अधिक यात्रा पूरी कर चुके पिता पुत्र रोजाना करीब 50 से 60 किलोमीटर यात्रा साईकिल से पूरी कर रहे हैं। दोनों ने 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचने का लक्ष्य रखा है। राम भक्ति में लीन होने के लिए दोनों प्रभु श्री राम के भजन सुनते हुए यात्रा कर रहे हैं। इसके लिए उन्होनंे एक ई रिक्शा को भी साथ में लिया है जिस पर रखे म्यूजिक सिस्टम से वे लाउडस्पीकर के माध्यम से वह खुद भजन सुन रहे हैं और जहां जहां से वह गुजर रहे हैं वहां का माहौल भी राम मय करते हुए निकल रहे हैं। रोजाना दिन में यात्रा करने के बाद वह किसी धर्मशाला या यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले किसी होटल में विश्राम करते हैं। तीर्थ यात्रा पर निकले दोनों पिता पुत्र का जगह जगह राम भक्तों द्वारा फूल मालाओ से स्वागत किया जा रहा है। समाजसेवी जसविंदर सिंह खरबंदा का कहना है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण होना करोड़ों भारतीयों के लिए गर्व का पल है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं का पांच सौ साल पुराना सपना आखिरकार पूरा होने जा रहा हैं इस ऐतिहासिक क्षण के वह साक्षी बनना चाहते हैं। साईकिल यात्रा के पीछे उनका उद्देश्य ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के साथ साथ सदभावना और भाईचारे का संदेश देना भी है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम मर्यादा पुरूषोत्तम हैं उनके नैतिक गुण केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि हर धर्म और सम्प्रदाय के लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं। श्री खरबंदा ने कहा कि उनके पुरखों ने अयोध्या नगरी में व्यवसाय किया था। अयोध्या पहुंचकर वह अपने पुरखों की यादों को भी ताजा करना चाहते हैं।

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