उत्तराखंड पुलिस में लागू होगी इंटरनेट नीतिः पुलिस कर्मियों के क्रियाकलापों को सोशल मीडिया पर प्रसारित अथवा पोस्ट करने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने विस्तृत सख्त प्रतिबंधित दिशा निर्देश जारी किये,पांच क्रियाकलापों को शर्त के साथ छूट
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रशासन ने डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा सरकारी दस्तावेजों की गापनीयता और कानून व्यवस्था के दौरान पुलिस कर्मियों के क्रियाकलापों को सोशल मीडिया पर प्रसारित अथवा पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई अहम दिशा निर्देश जारी किये है। ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इनटरनेट नीति तैयार की गई है। पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया पर मर्यादा तय की गई है। इस नीति के तहत कुल 41 तरह के क्रियाकलापों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी, सरकारी वाहन या दफ्रतर में सोशल मीडिया के लिए रील या फोटो नहीं बना सकेगा। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के लिए पांच क्रियाकलापों को शर्त के साथ छूट प्रदान की गई है। इस संबंध में कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने बृहस्पतिवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। पुलिस के मुख्य प्रवक्ता डॉ. निलेश आनंद भरणे ने बताया कि बीते कुछ समय से देखने में आ रहा था कि पुलिसकर्मी वर्दी में सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। इसके साथ ही बहुत से प्लेटफार्म पर सरकारी आदेशों को भी हूबहू प्रसारित किया जा रहा था। इसके लिए पुलिस मुख्यालय में गहन विचार-विमर्श के बाद इंटरनेट मीडिया नीति बनाई गई है। इसमें देश में प्रचलित कई नियमों का भी हवाला दिया गया है। साथ ही ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट की ओर से निर्धारित दिशा निर्देशों को भी इस नीति में शामिल किया गया है। नई नीति में इंटरनेट मीडिया अकाउंट की सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी के लिए सुझाव भी दिए गए हैं। इन दिशा निर्देशों का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बहुत से अधिकारी और कर्मचारियों के अपने यूट्यूब चैनल हैं। इनसे उन्हें अच्छी खासी आय भी होती है। मगर, इस नई नीति के अनुसार कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह के चैनल या क्रियाकलापों से आय प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यदि ऐसा जरूरी भी है तो इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। मुख्य प्रवत्तफा ने बताया कि इस पूरी नीति में हर प्रकार से पुलिसकर्मियों के हितों का ध्यान रखा गया है। साथ ही कर्मचारी नियमावली में दिए गए दिशा निर्देशों से भी उन्हें अवगत कराया गया है। पुलिस कर्मचारियों के लिए प्रतिबंधित क्रियाकलापों के प्रमुख गाईडलाईन के अनुसार सरकारी कार्य के दौरान अपने कार्यालय व कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो व रील बनाने और किसी भी कार्मिक की ओर से अपने व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंधित होगा। डड्ढूटी के बाद भी वर्दी पहने किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय के निरीक्षण, पुलिस ड्रिल व फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट और कार्रवाई से संबंधित वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित नहीं होंगे। कार्यस्थल से संबंधित किसी वीडियो के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट व वीडियो इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करना भी प्रतिबंधित होगा। पुलिसकर्मी की ओर से सरकारी और व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चेट, वेबिनार इत्यादि में आमंत्रित किए जाने पर उसमें भाग लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यत्तिफगत, व्यवसायिक कंपनी या उत्पाद व सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया गया है। पुलिस कार्मिकों की ओर से ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो। किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट या पीड़ित के प्रार्थनापत्र को सरकारी या व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जाएगा। किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर व किशोरी और विधि विवादित किशोर जुवेनाइल आफेन्डर्स की पहचान या नाम व अन्य संबंधित विवरण सरकारी और व्यत्तिफगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा। जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी है उनका चेहरा इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित नहीं होगा। पुलिस के ‘सराहनीय कार्य’ से संबंधित पोस्ट में आरोपियों की फोटो व वीडियो सरकारी और व्यत्तिफगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करने के बाद ही प्रसारित होगी।