उत्तराखंड में ‘जीत की हैट्रिक’ के लिए ‘बीजेपी’ की नई ‘व्यूह रचना’
आम चुनाव कुछ नया करने के फिराक में बीजेपी, बूथ स्तर पर बनाई जा रही है ग्यारह-ग्यारह कार्यकर्ताओं की टोलियां
रूद्रपुर। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में होने वाले प्रायः सभी चुनाव ,चाहे वह लोकसभा व विधानसभा के चुनाव हों अथवा नगर निकाय, पंचायत व सहकारिता के हों, बड़ी गंभीरता और पूरी तैयारी से लड़ती और जीतती आई है ,लेकिन आगामी आम चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर जीत की तिकड़ी लगाने के लिए भाजपा आजकल एक खास रणनीति पर काम कर रही है और उसने आम चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने संबंधी तमाम आवश्यक चुनावी तैयारी के अलावा एक नई व्यूह रचना भी कर ली है। इस नई व्यूह रचना के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तराखंड के सभी पोलिंग बूथ, जिनकी संख्या साढ़े ग्यारह हजार से अधिक है ,में बूथ स्तर पर ग्यारह-ग्यारह कार्यकर्ताओं की विशेष टोलियां बनाने का काम लगभग पूरा कर चुकी है। इन टोलियों को पार्टी की रीति-नीति के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों संबंधी जानकारी से पूरी तरह लैस किया जाएगा और ये अपने-अपने बूथ के मतदाताओं से निरंतर संपर्क में रहेंगी। बताना होगा कि भाजपा की चुनावी रणनीति में बूथ जीता-चुनाव जीता का मूलमंत्र अहम भूमिका निभाता आया है। इस कड़ी में पार्टी सभी बूथों पर पन्ना प्रमुखों की नियुक्तियां करती आई है। इसके तहत प्रत्येक बूथ की मतदाता सूची के एक-एक पृष्ठ की जिम्मेदारी एक कार्यकर्ता को सौंपी जाती है। इन्हें ही पन्ना प्रमुख कहा जाता है, जो अपने पन्ने में अंकित मतदाताओं की चिंता करते है। इस बार पार्टी पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति करने के साथ ही हर बूथ पर 11-11 कार्यकर्ताओं की टोलियां भी बना रही है। बूथ स्तर पर गठित टोलियों को भी अपने- अपने बूथ के मतदाताओं से निरंतर संपर्क का जिम्मा दिया जाएगा। ये टोलियां पार्टी की हर छोटी-बड़ी उपलब्धि संबंधी जानकारी से पूरी तरह लैस हों, इसके लिए इनके सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई गई है। सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दी जाएगी। सम्मेलन के समापन के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यक्रम की रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को प्रेषित करेंगे तथा प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से यह रिपोर्ट राज्य के प्रभारी महासचिव तक होती हुई भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को प्राप्त होगी। हासिल जानकारी के अनुसार सम्मेलनों में टोलियों के कार्यकर्ताओं को केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों, कल्याणकारी योजनाओं समेत अन्य बिंदुओं पर जानकारी से लैस किया जाएगा। उसके बाद ये टोलियां मतदाताओं से संपर्क साधेंगी। गौर तलब है कि अपनी ऐसी ही संगठनात्मक तैयारी के कारण भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक उत्तराखंड की सभी पांचो लोकसभा सीट पर अजेय बनी हुई है। अब बूथ स्तर पर ग्यारह-ग्यारह कार्यकर्ताओं की टोलियां बनाने की यह अतिरिक्त संगठनात्मक तैयारी, भाजपा की जीत के अंतर को और कितना बढ़ा पाती है ? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।