सुप्रीम कोर्ट ने हटाई रोकः कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सहित छह संरक्षित क्षेात्रों में विकास कार्यों की राह खुली

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देहरादून। कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व समेत राज्य के छह संरक्षित क्षेात्रों में अटके 45 निर्माण कार्य अब प्रारंभ हो सकेंगे। उत्तराखंड के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इन कार्यों पर लगी रोक हटा दी है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक अनूप मलिक ने इसकी पुष्टि की। कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बहुचर्चित पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण के बाद राज्य के सभी संरक्षित क्षेात्रों में निर्माण कार्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अब यह स्पष्ट किया है कि जो कार्य वन विभाग की ओर से बताए गए हैं और जो वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए आवश्यक हैं, केवल वही कार्य किए जाएं। कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के पाखरो में टाइगर सफारी के लिए अवैध कटान व अवैध निर्माण के साथ ही हर स्तर पर नियमों की अनदेखी के बहुचर्चित प्रकरण का सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ने संज्ञान लिया था। सीईसी ने प्रकरण से जुड़े विविध पहलुओं की पड़ताल के बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड में टाइगर रिजर्व, वन्यजीव अभयारण्य व राष्ट्रीय उद्यानों में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। यह आदेश इसी वर्ष आठ फरवरी को जारी हुआ था। इस बीच राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने इस आदेश के क्रम में सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंात्रालय से यह जानकारी देने का अनुरोध किया कि जो कार्य पहले से स्वीकृत हैं। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने ये भी पूछा कि वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए आवश्यक हैं, उन पर कार्य किया जा सकता है अथवा नहीं। साथ ही राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व समेत छह संरक्षित क्षेात्रों में होने वाले 45 आवश्यक कार्यों की सूची भी दी। हाल में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए इन 45 कार्यों पर लगी रोक हटा दी। इससे वन विभाग को राहत मिली है। आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन विभाग के अनुसार संरक्षित क्षेात्रों में वन एवं वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिगत होने वाले आवश्यक कार्यों के लिए विभाग को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। राजाजी टाइगर रिजर्व:- बुलंदावाला व आमसोत में हाथी रोधी दीवार, डोडा फायर क्रू-स्टेशन का विस्तार, रवासन में रेंज कार्यालय व आवास, बेरीवाड़ा व कांसरो में रेंज आवास, टीरा, कांसरो व रवेली में आवास, बुलंदावाला में एंटी पोचिंग कैंप, विभिन्न स्थानों पर नदी संरक्षण के कार्य। कार्बेट टाइगर रिजर्व:- ढिकाला, कांडा, फिका, तुनुचौकी, फुलई, ढेला, मलानी पूर्वी, सेंधीखाल, सालखेत, गूजरसोत, टूना चौकी मोटासाल में जलापूर्ति, सावल्दे उत्तरी में हाथी रोधी ट्रेंच, रिंगोडा, धनगढ़ी व कालागढ़ में सोलर फेंसिंग, कालागढ़ में हाथी रोधी दीवार, बारवाली, रामजीवाला में सोलर पंप और सिलधारी, चोरपानी, फाटो व पटेरपानी में वॉच टावर। केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य:- कांचुलाखर्क व भूलकाना में पेट्रोलिंग कैंप, स्यूंचंद में जल स्रोत संरक्षण, बमारधोर में चेकडैम, घूसा में भूमि संरक्षण। गंगोात्री नेशनल पार्क:- भोजवासा व नेलांग में वन आरक्षी चौकी। गोविंद वन्यजीव अभयारण्य:- जूडाताल, सांकरी व रूपिन में एंटी पोचिंग कैंप। नंदा देवी नेशनल पार्क:- रिखोटानाला में भूमि संरक्षण फूलों की घाटी नेशनल पार्क:- पिनखांडा में जल संरक्षण का र्कार्य शामिल है।

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