सभी एक परमपिता की संतान-माता सुदीक्षा:  रूद्रपुर में आयोजित निरंकारी मिशन के सत्संग में पहुंचे हजारों भक्त

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रूद्रपुर( उद संवाददाता)। समाज में निःस्वार्थ भावना से किया गया कार्य ही सच्चा कार्य है। निरंकारी मिशन का उद्देश्य निरंकार प्रभु से खुद को आत्मसात करते हुए प्रतिपल पूर्ण समर्पित भाव से एक भक्ति भरा जीवन जीना है। यह बात निरंकारी माता सुदीक्षा महाराज ने यहां मोदी मैदान में आयोजित सत्संग में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोई भी सामाजिक कार्य करने से पहले हमें अपने अंदर इंसानियत को जागृत करना होगा। एक अच्छा इंसान बनने के लिए हर व्यक्ति में इंसानियत का होना आवश्यक है। माता सुदीक्षा ने कहा कि संत निरंकारी मिशन काई धर्म या सम्प्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है। संत निरंकारी मिशन विभिन्न विचार धाराओं में आस्था रखने वाले संसार के सभी इंसानों का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि ईवर का बोध अर्थात ब्रह्म ज्ञान सर्व श्रेष्ठ ज्ञान है। मानव शरीर पाकर भी परमात्मा से अनभिज्ञ रहना वास्तव में मानव के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि प्रेम भक्ति से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। कोई पराया नहीं है, कोई ऊंचा और नीचा नहीं है। सभी एक परमपिता की संतान हैं। माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि अहंकार का त्याग करें। परमात्मा को अपने मन में बसायें। जिससे अवगुण दूर हों। उन्होंने कहा परमात्मा सभी इंसानों में बसता है। मनुष्य अपना सारा जीवन सुख की खोज में व्यतीत कर देता है। वह सुख, जो स्थाई हो, निरंतर हो। पर जब जब भी हम सांसारिक पदार्थों मंें इस सुख को पाने का प्रयास करते है, हम स्वयं को असक्ति और अहंकार के चक्रव्यूह में फंसा पाते हैं। उन्होंने कहा कि अंधकार का धुआं छटेगा तभी मन को सकून मिलेगा। उन्होंने कहा कि परमात्मा हमेशा हमारे सामने रहता है। उलझनों से निकलने के लिए परमात्मा का सहारा लें। इस मौके पर राजपिता रमित चानना ;दिल्लीद्ध, एचएस चावला ;लुधियानाद्ध, राजकपूर, सुरेन्द्र सिंह, बलदेव सिंह, राधेश्याम, सुरेन्द्र चावला, गगन भाटिया, निर्मल वर्मा, किशन लाल नारंग, राजेन्द्र अरोरा, चरनजीत सिंह, दीदार सिंह, अनिल सिंह, गोपाल आर्य, मनीष सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं को लंगर प्रसाद वितरित किया गया।

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