रामनगर में हमलावर बाघिन को किया ट्रैंकुलाइज

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रामनगर (उद संवाददाता)।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व रामनगर तराई पश्चिम वन प्रभाग के लगते क्षेत्र कानियाँ व आसपास के क्षेत्र में लगातार मवेशियों को निवाला बना रहे बाघिन व उसके शावक को देर रात कॉर्बेट प्रशासन ने ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया। जानकारी के मुताबिक रामनगर के ग्राम कानिया और आसपास के क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके दोनों बाघ को रविवावर देर रात 1ः30बजे पार्क प्रशासन ने सकुशल पकड़ लिया। इनको कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज में स्थित रेस्क्यू सेंटर में ले जाया गया। ढेला रेस्क्यू सेंटर में इन बाघो का परीक्षण करने के बाद स्वस्थ होने पर अंदर जंगल में छोड़ दिया जाएगा। बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम कानियाँ में बाघ की दहशत बनी हुई थी।जिसमे पिछले दो हते में बाघ द्वारा 5 से ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना दिया था ,जिसके बाद पिछले हफ्रते ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया था और ग्रामीणों ने साँवल्दे ढेला मार्ग को कुछ घंटे के लिए बंद कर दिया था और बाघ को पकड़े जाने की मांग की थी।उत्तफ घटनाओं के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने इन बाघो को चीन्हित कर लिया है, तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड से उत्तफ चिन्हित बाघ को ट्रैकुलाईज कर क्षेत्र से पकड़ कर हटाने की अनुमति देर शाम प्राप्त कर ली थी। वहीं अनुमति मिलने के कुछ घंटों में ही कॉर्बेट प्रशासन ने चिंहित बाघ को रात 1ः30बजे ट्रेंकुलाइज कर लिया,जिसमे एक से 9 वर्षीय बाघिन के साथ ही उसका शावक भी है। बाघ का परीक्षण करने में दोनों ही बाघ स्वस्थ है। जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉक्टर धीरज पांडे ने बताया कि पिछले कुछ समय से कॉर्बेट व तराई पश्चिमी से लगते कानियाँ क्षेत्र में बाघों की उपस्थिति दर्ज की जा रही थी, जिस क्रम में हमारे द्वारा उस क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाने के साथ ही रात और दिन गस्त करने के साथ ही ड्रोन से भी लगातार निगरानी रखी जा रही थी, वही चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की अनुमति के बाद आज क्षेत्र से एक बाघिन व उसके एक शावक को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है।दोनो बाघ स्वस्थ है और दोनों की निगरानी की जा रही है।

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