धामी सीएम ना होते तो शायद ही बन पाता टनकपुर ‘आईएसबीटी’
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा की गई दो बड़ी घोषणाएं शासन ने वर्ष 2021 में विलोपित कर दिया था
टनकपुर। अगर उत्तराखंड की पिछली सरकारों को घोषणाओं की सरकार कहा जाए तो, यह कहना शायद गलत नहीं होगा। दो दशक पूरे कर चुके उत्तराखंड राज्य की पिछली सरकारों के मुखियाओं की न जानें कितनी घोषणाएं फाइलों में कहीं गुम सी हो गई हैं । इसका एक बड़ा उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा टनकपुर के रोडवेज को लेकर की गई दो बड़ी घोषणाएं भी हैं जिसे उत्तराखंड शासन ने वर्ष 2021 में विलोपित कर दिया था। यह कहना कुछ हद तक गलत नहीं होगा कि अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर रोडवेज की घोषणा आईएसबीटी को गंभीरता से नहीं लिया होता तो शायद इसका भूमि पूजन होना मुश्किल था। यहां बता दें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीतकर आए हैं। उपचुनाव के दौरान ही सीएम धामी के समर्थकों ने चंपावत विधानसभा क्षेत्र की जनता से कई बड़े वायदे किए थे इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी कई बार कह चुके हैं कि चंपावत जनपद को आदर्श जनपद बनाना उनका बड़ा मकसद है चंपावत विधान सभा के प्रवेश द्वार टनकपुर में आईएस बीटी का निर्माण मानो किसी बड़ी चुनौती से कम न था इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि आईएसबीटी का निर्माण 45000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में प्रस्तावित था इसके लिए रोडवेज कार्यशाला,जीएम कार्यालय, के साथ ही भूमि का अधिकांश भाग जल निगम के पास था जिसकी हस्थानांतरण की कार्यवाही में बेहद कागजी रोड़ा सामने आ रहा था गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के कुछ माह बाद ही जुलाई 2017 में टनकपुर में रोडवेज की केंद्रीय कार्यशाला को लेकर घोषणा की थी इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अक्टूबर 2019 में टनकपुर में आधुनिक बस अîóा बनाए जाने को लेकर दूसरी घोषणा की। हैरानी की बात यह है कि इन दोनों घोषणाओं को परिवहन निगम की आख्या के बाद शासन ने जून 2021 को विलोपित कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर में आईएसबीटी को लेकर एक बड़ी घोषणा कर डाली। जिसको पूरा करना सरकारी सिस्टम के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम न था। यह बता दें कि स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चंपावत विधानसभा क्षेत्र को लेकर सैकड़ो घोषणाएं की गई है। चंपावत जिला प्रशासन के साथ ही देहरादून में बैठे बड़े अधिकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को लेकर समीक्षा करते रहते हैं इनमें से अधिकांश घोषणाओं में वन विभाग सहित कई भूमियों के हस्तांतरण का मामला फंसा हुआ है। बावजूद इसके सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा चंपावत जनपद के जिलाधिकारी नवनीत पांडे के साथ-साथ जनपद चंपावत में नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किए गए अनुभवी अधिकारी केदार बृजवाल लगातार सीएम की घोषणाओं को पूरा करने के लिए धरातल पर काम करते देखे गए हैं सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वाराआई एसबीटी के भूमि पूजन की बात करें तो आईएसबीटी के निर्माण में भी रोडवेज व जल निगम की भूमि के अदला- बदली का मामला कागजों में उलझा हुआ था मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आईएसबीटी को लेकर संबंधित अधिकारियों को सख्त हृदय दी गई थी कि जल्द ही कागजी कार्रवाई को पूरा किया जाए नहीं तो कार्यवाही की जाएगी सीएम की सख्त हिदायत के बाद आज टनकपुर ही नहीं बल्कि समस्त पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र के लिए एक मिसाल के रूप में टनकपुर में भव्य आईएसबीटी का भूमि पूजन हो चुका है और साथ ही आईएसबीटी का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है जिसको लेकर उत्तराखंड के कुमाऊं के पहाड़ ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्र में भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह
धामी जो कहते हैं वह करके दिखाते है।ं