आज एक बार फिर बनी है उम्मीद: पीएम मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में ली जानकारी
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने का अभियान तेज
उत्तरकाशी(उद संवाददाता)। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान एक बार फिर तेज हो गया है। आज एक बार फिर उम्मीद बनी है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द ही सकुशल बाहर निकाला जाएगा। सिलक्यारा सुरंग में अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन ने एक बार फिर से काम शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह से अवरोधक आने और मशीन खराब होने से ड्रिलिंग का काम बंद था। अब लगभग 10 मीटर पाइप और ड्रिल किया जाना शेष है। वहीं एसजेवीएन लमिटेड के अधिकारी वर्टिकल ड्रिलिंग के बैकअप प्लान के लिए मुस्तैद हैं। कंपनी के महाप्रबंधक जसवंत कपूर ने मशीन पाइप ड्रिल को पहाड़ी पर पहुंचाने के लिए क्लियरेंस मांग ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। पीएम मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में ली जानकारी। पीएम ने टनल के अंदर फंसे मजदूरों का हाल और उन्हें दिए जाने वाले भोजन और रोजमर्रा की चीजों के बारे में भी जानकारी ली। बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीजों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। आज रात तक उनके बाहर आने की उम्मीद है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग पूरी होने के बाद एसडीआरएफ 41 मजदूरों को बाहर निकालेगी। एजेंसी ने इसको लेकर ड्रील की। टायर लगे स्ट्रेचर से एक सिविलियन को बाहर निकालने की मॉक ड्रील सफल रही। पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। वहीं सुरंग में फंसे मजदूरों को आज नाश्ते में दूध, ब्रेड और चने दिए गए। इससे पहले बृहस्पतिवार को नाश्ते में उपमा तथा लंच में दाल-भात खाया। एक विशेष टीम ने उन तक यह सब पहुंचाया। यह टीम सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के साथ ही बचाव कार्य में लगे लोगों के भी खाने-पीने का भी ध्यान रखती है।