23 मीटर शेष, कल सुबह तक बाहर आ सकते हैं मजदूर: मीडिया कर्मियों का लगा जमावड़ा !
बाबा बौखनाग देवता की पूजा अर्चना के बाद सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से रात भर हुई ड्रिलिंग, फंसे हुए श्रमिकों के कुछ परिवारों को देखने के लिए सुरंग में पहुंचाया
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान आज 11वें दिन भी जारी है। आज सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम को बड़ी सफलता मिली है। रेस्क्यू टीम ने पाइप को 39 मीटर तक अंदर तक पहुंचा दिया है। इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरी होने की उम्मीद बढ़ी है। पाइप कुल 62 मीटर अंदर तक डाला जाना है अर्थात 23 मीटर शेष है। भारत सरकार के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुरंग में ड्रिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। मैं अगले 15 घंटे में श्रमिकों से रूबरू होना चाहता हूं। उम्मीद है ऐसा हो जाएगा। मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई थी। इससे पहले टीम को सफलता मिली और छह इंच का दूसरा फूड पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया था। इसी पाइप से उन्हें खाने के लिए खिचड़ी और मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर भेजे गए थे। वहीं दिन रात चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन सिलक्यारा सुरंग के अंदर खाने की सप्लाई के लिए छह इंच का पाइप आरपार होने के जो सकारात्मक नतीजे आएं हैं उससे बचाव अभियान से जुड़ी सभी एजेंसियां व जिला प्रशासन उत्साहित हैं। वहीं सुरंग में हुए हादसे के बाद क्षेत्र के बाबा बौखनाग देवता का मंदिर भी चर्चाओं में आ गया था। बताया जा रहाहै कि अब लोगों की आस्था को मानकर मंदिर को स्थापित किया गया। जबकि मशीनों से काम शुरू करने पहले पूजा अर्चना की जा रही है। अब सभी को ऑगर मशीन से ही रेस्क्यू में सफलता मिलने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है बुधवार देर रात या फिर गुरूवार की सुबह टनल में फंसे 41 मजदूर बाहर आ सकते हैं। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए मंगलवार रात भर ड्रिलिंग का काम चला। ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप डाले जा चुके हैं। 36 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है। ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। ऐसे में रेस्क्यू आपरेशन के लिए आज का दिन अहम है। बचाव ऑपरेशन में तमाम एजेंसी के साथ ही पुलिसकर्मी, आईटीबीपी जवान भी जुटे हुए हैं। भारी ठंड के बावजूद बचाव दल से जुड़ी किसी भी टीम का हौसला कम नहीं है। ऑपरेशन सिलक्यारा के दौरान मंगलवार को सुबह अचानक सोशल मीडिया में भीतर की गतिविधियों की कुछ वीडियो वायरल हो गई। इस पर प्रशासन ने सख्ती कर दी है। भीतर काम कर रहे मजदूरों के अलावा कर्मचारियों और अधिकारियों को भी भीतर की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी से रोक दिया गया है। हांलाकि सिल्क्यारों में देशभर से राष्ट्रीय एवं स्थानीय मीडिया के पत्रकारों के साथ ही डिजिटल मीडिया के कई रिपोर्टर्स भी पहुंचे है जो लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी अपडेट साझा कर रहे है। बताया जा रहा है कि बचाव अभियान में इस्तेमाल के लिए आ रही हर मशीन को चलाने से पहले पूजा की जा रही है। वहीं मजदूरों को छह इंच के नए फूड पाइप से भेजा जाएगा। एंडोस्कोपिक फ्रलेक्सी कैमरा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से
संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।