जोर पकड़ रही है पांडे को सांसद प्रत्याशी बनाने की मांग, नैनीताल-उधम सिंह नगर संसदीय

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रूद्रपुर । कई बार, कोई राजनीतिक दल अपने ही दल के किसी नेता अथवा जनप्रतिनिधि की कर्मठता व रचनात्मकता एवं कार्य क्षमता को भली भांति नहीं पहचान पाता । परिणाम स्वरूप संबंधित राजनीतिक दल एवं क्षेत्र विशेष की जनता संबंधित राजनेता की कार्ययोजना,भविष्य दृष्टि एवं सृजनशीलता का समुचित लाभ पाने से वंचित रह जाती है। तराई के कद्दावर भाजपा विधायक एवं उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा एवं खेल मंत्री अरविंद पांडे भाजपा की ऐसी ही अनदेखी का शिकार होकर रह गए जान पड़ते हैं ,जबकि राज्य का शिक्षा एवं खेल मंत्री रहने के दौरान पांडे अनेक मोर्चे पर न केवल स्वयं को साबित कर चुके हैं बल्कि अपनी कार्य क्षमता का लोहा भी मनवा चुके हैं। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री की हैसियत से राज्य की शिक्षा नीति में आमूल चूल परिवर्तन की मुहिम के दौरान, उन्होंने शिक्षा माफियाओं के मकड़जाल को तहस-नहस करने में जिस दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय दिया, वह अपने आप में अद्वितीय है। राज्य के स्कूली शिक्षा के पाठक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकों को अनिवार्य बनाते समय उन्हें तमाम तरह के राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा ,लेकिन वे ना तो किसी राजनीतिक दबाव के आगे नतमस्तक ही हुए और ना ही शिक्षा माफियाओं का कोई प्रलोभन ही उनके दृढ़ निश्चय को डिगा पाया। इसी तरह जब उन्होंने राज्य के मैदानी इलाकों मैं वर्षों से जमे शिक्षकों को अपनी सुगम- दुर्गम नीति के तहत पहाड़ भेजने की मुहिम छेड़ी तो समूचे उत्तराखंड में हलचल मच गई और हाय तौबा मचाती हुई शिक्षक बिरादरी पहाड़ जाने से बचने के लिए अनेक तरह की जुगत लगाने लगी। मगर पांडे ने शिक्षक बिरादरी की एक न चलने दी और शिक्षकों को पहाड़ की स्कूलों में भेज कर ही दम लिया। इस बीच शिक्षकों द्वारा उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया गया, जहां उन्हे मुंह की खानी पड़ी, उच्च न्यायालय द्वारा भी शिक्षा मंत्री के इस कदम को सही ठहराया गया। इसके अलावा उन्होंने सूबे के सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर ऊंचा उठने के लिए प्रदेश में अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू की और राज्य के हर ब्लॉक में दो विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत चिन्हित कर, पूरे प्रदेश में 189 सरकारी स्कूलों को इस योजना में शामिल किया। श्री पांडे ने खेल मंत्री रहते प्रदेश में नई खेल नीति लागू कर प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को तराशने का काम किया। खेल नीति का लाभ आज पूरे प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा उठाया जा रहा हैं। प्रदेश में पयर्टन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उनके द्वारा गूलरभोज जलाशय को एक नई पहचान दी गई जिसके चलते आज उसका नाम प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में हो रहा है। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को रोजगार के रूप में मिल रहा है। अरविन्द पांडे ने शिक्षा और खेल मंत्री रहते हुये कई ऐसे विकास कार्य कराये गये, जिसका आज पूरा प्रदेश लाभ उठा रहा है। अरविंद पांडे के ऐसे ही विकास- प्रतिबद्ध कार्य एवं कर्मठता के चलते तराई की जनता अब शायद उन्हें एक नई भूमिका में देखना चाहती है। यही कारण है कि अब उन्हें आगामी आम चुनाव में नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। हाल ही में हल्द्वानी स्थित आकृति महिला समिति ,जिसके सदस्यों की संख्या तकरीबन 1 लाख से अधिक है ,ने अरविंद पांडे को बीजेपी का टिकट देने की मांग की है। इसके अतिरिक्त बिंदु खत्ता में भी पर्वतीय समाज से जुड़े लोगों ने प्रस्ताव पास कर तथा नानकमत्ता में सिख समुदाय के लोगों ने  गुरुद्वारे में अरदास कर पांडे को भारतीय जनता पार्टी से टिकट देने की मांग की है। काशीपुर में भी अवाम का एक बड़ा तबका अरविंद पांडे को नैनीताल उधम सिंह नगर सीट का सांसद बनाना चाहता है और उसने भी पांडे को भारतीय जनता पार्टी से टिकट देने की पुरजोर मांग की है। बहरहाल अरविन्द पांडे द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में मंत्री रहते हुये जनता के हित में जो कदम उठाये थे उससे प्रभावित होकर जनता उन्हें अपने सांसद के रूप में देखना चाह रही है और अलग-अलग क्षेत्रों से उनके पक्ष में आवाज उठा रही है।

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