10वें दिन सबकी जान में आयी जान: सुरंग में सबसे जटिल और भूगर्भीय रेस्क्यू अभियान सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे
उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान आज 10वें दिन भी जारी है। सोमवार देर शाम टीम को सफलता मिली और छह इंच का दूसरा फूड पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया। देर शाम इसी पाइप से उन्हें खाने के लिए खिचड़ी और मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर भेजे गए थे। उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने हेतु चलाये जा रहे अब तक के सबसे जटिल और भूगर्भीय रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने हेतु सोमवार को भारत सरकार के आग्रह पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुँचे। राज्य सरकार के केंद्रीय संगठनों से रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की। दुनिया के सबसे कुसल टनल भू वैज्ञानिक ऑस्ट्रेलिया के आर रोनाल्ड उत्तरकाशी पहुँच चुके है, ओर काम करने से पहले छेत्रपाल देवता बोखनाथ जी की पूजा की सर जमीन पर लगा कर प्रणाम किया। वह उत्तरकाशी मे टनल कार्य कर चुके है देवभूमि मे रहने की वजह से वो भी जानते है इस भूमि से देवताओं की मान्यता कितनी है। बहरहाल 6इंच का पाइप अंदर तक पहुंच गया है मजदूरों को अब पका हुआ भोजन मिल पायेगा। उन्होंने ने साफ कहा है उनको निकालने के हाथ से भी खोदनी पड़ सकती है, 6 दिन का उन्होंने टाइम मांगा है। पर पक्का हुआ भोजन पोंछने लगा है तो अब उतनी दिकत नही। उनके आने से सबकी जान मे जान आयी है, क्योकी वो हिमालय की मिट्ट जानते है और टनल मे उन्हें महारथ हासिल है। मीडिया से बातचीत में प्रो. डिक्स ने कहा, हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कहा, जो स्थान चुना गया है, वह सुरंग के मुख्य द्वार से 320 मीटर दूरी पर है, जहां से करीब 90 मीटर ड्लि करने के बाद मजदूरों तक पहुंचा जा सकेगा। बताया, यहां भूगर्भीय स्थिति अनुकूल पाई गई है। उनके साथ एसजेवीएनएल और आरवीएनएल के विशेषज्ञों ने भी मौका मुआयना किया। उम्मीद जताई जा रही कि मंगलवार को दोनों कंपनियों की मशीन यहां पहुंच जाएंगी और अगले 30 घंटे में उनसे ड्लि का काम शुरू हो जाएगा। एसजेवीएन के अधिकारी जसवंत कपूर ने बताया, उनकी तीन मशीन यहां पहुंच रही हैं। एक मशीन शाम को पहुंच गई। बाकी दो मशीन भी यहां पहुंच जाएंगी। बताया, हमने बैकअप प्लान भी बना लिया है। मंगलवार को सुबह सभी मशीन ऊपर पहुंचाई जाएंगी। वहीं, आरवीएनएल के अपर महाप्रबंधक विजय डंगवाल ने बताया, उनकी लाइफलाइन ड्लि मशीन मंगलवार को पहुंच जाएगी। अभी रास्ते में है। इससे मजदूरों के लिए खाद्य सामग्री, मोबाइल आदि भीतर पहुंचाया जा सकेगा। हिमाचल के कीरतपुर- नैरचोक-मनाली फोर लेन हाईवे की सुरंग से मजदूरों को ऊपर से ड्रिल करके बचाने वाली एसजेवीएनएल की विशेषज्ञ टीम सिलक्यारा पहुंच चुकी है। एसजेवीएनएल को सुरंग बनाने में खास महारत हासिल है। रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, उत्तराखंड पुलिस, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, ओएनजीसी, आईटीबीपी, राज्य लोनिवि, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स आदि शामिल है।