पीएमओ सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा: हम कोई भी रास्ता तलाशने की एक भी संभावना नहीं छोड़ेंगे
उत्तरकाशी । उत्तरकाशी के सिलक्यारा में पिछले छह दिन से 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं। शनिवार को पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी का निर्देश है कि जल्द से जल्द सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जाए। उत्तरकाशी घटनास्थल का दौरा करने के बाद पूर्व सलाहकार पीएमओ भास्कर खुल्बे ने कहा, ” हम कोई भी रास्ता तलाशने की एक भी संभावना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि जो लोग यहां कई दिनों से फंसे हुए हैं उन तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता है। हमारे पास किसी भी संसाधन, विकल्प और विचारों की कमी नहीं है, हमें बस कुछ समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है और हम टीमें बनाकर किसी तरह वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं… हम वर्टिकल ड्रिलिंग का विकल्प भी तलाश रहे हैं… हमें विदेशी लोगों से भी मदद मिल रही है…पीएम मोदी का संदेश है कि ये ऑपरेशन जल्द से जल्द करें..”
शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के साथ पहुंचे मंगेश घिल्डियाल ने चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से बात की और आ रही अड़चनों के बारे में जाना। बता दें सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में लगातार समस्या आ रही है। शनिवार को सुरंग में ड्रिलिंग कार्य को रोक दिया गया। सुरंग बनाने वाली कंपनी एनएचआईडीसीएल के निदेशक ने कहा कि फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है। बताया जाता है कि सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए काम रोका गया है। बचाव अभियान के तहत सुरंग में 22 मीटर तक ड्रिल का काम हो पाया है। बता दें दीपावली वाले दिन भूस्खलन के चलते सुरंग में मलवा आने से 41 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गये। शुरूआत में मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी आदि मशीनों से मलबा हटाया जा रहा था, लेकिन बार-बार मलबा गिरने पर देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन इसकी क्षमता कम होने के कारण दिल्ली से वायुसेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। जिससे बृहस्पतिवार सुबह दस बजे ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन एक पाइप को डालने में औसतन चार से छह घंटे का समय लग रहा है।