सुरंग में मजदूरों की तबीयत बिगड़ी,रेस्क्यू में ढिलाई पर फूटा गुस्सा

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सुरग में फंसे चालीस मजदूरों को निकालने के लिए लाई जा रही हाईटैक मशीन
उत्तरकाशी(उद ब्यूरो)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में चौथे दिन भी 40 श्रमिकों की जान सुरंग में कैद है। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरे मलवे ने राह रोकी और फिर मशीन खराब हो गई। बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए सुरंग के बाहर आक्रोशित मजदूरों ने आज प्रदर्शन किया। बता दें गत रविवार सुबह साढ़े पांच बजे यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4-5 किमी लंबी सुरंग में भारी भूस्खलन होने से निर्माण में लगे 40 मजदूर फंस गये। उन्हें बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियां जुटी हुई हैं। सुरंग में पहले जेसीबी से मलबा हटाने का काम किया गया, लेकिन लगातार मलबा गिरने से सफलता नहीं मिली। तब ऑगर मशीन मंगवाने और आयरन पाइप डालकर रास्ता तैयार करने का निर्णय लिया गया। ऑगर मशीन से मंगलवार को खुदाई का काम शुरू हुआ लेकिन मशीन रात को खराब हो गयी। अब दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाई जा रही नई मशीन के लिए सुरंग के अंदर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। मंगलवार को बनाए गए प्लेटफार्म और खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को हटा दिया गया है। मलबे में फंसे 40 श्रमिकों के परिजन लगातार परेशान हैं। अपनों से बात नहीं कराए जाने पर बुधवार को परिवारजनों एवं मजदूरों ने हादसे वाली जगह पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जहां एक ओर राहत और बचाव कार्य जारी है तो वहीं प्रदर्शन भी जारी है। बताया गया है कि वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से करीब 11 टन की मशीन आनी है। जिसको चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अनलोड करके सिलक्यारा पहुंचाया जाना है। फिलहाल चालीस श्रमिकों की जान सुरंग में कैद है। सुरंग के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। उधर सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया, केंद्रीय गृह मंत्रलय भी लगातार संपर्क में है। जो भी प्रगति और कार्रवाई है, उससे केंद्र को भी अवगत कराया जा रहा है। गृह मंत्रलय के अधिकारी बराबर पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। खराब हुई ऑगर मशीन के स्थान पर अब ड्रिलिंग के लिए ज्यादा एडवांस मंशीन दिल्ली से मंगवाई जा रही है। जो वायु सेना की मदद से पहुंचाई जाएगी। राहत एवं बचाब कार्य की कमान संभाल रहे कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए अमेरिका में निर्मित नई ऑगर मशीन मंगवाई जा रही है। जो ज्यादा तेजी से काम करेगी। बताया कि अब इस पूरे राहत एवं बचाव कार्य में मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी सक्रिय हो गयी है। सुरंग में फंसे मजदूरों की हालत अब बिगड़ने लगी है। उधर से कुछ लोगों में बुखार, बदन दर्द व घबराहट की बात बताए जाने पर अधिकारियों ने तुरंत दवाएं पाइप के जरिए भेजीं और एक पर्चे में उन्हें लेने की विधि लिखकर भेजी। इसके साथ उन्हें चना, बादाम इत्यादि भी पाइप से भेजा जा रहा है। हालांकि बाहर खड़े उनके साथियों का धैर्य जवाब देने लगा है। वह हंगामा कर रहे हैं।

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