उत्तराखंड की पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 24वें स्थापना दिवस पर ली परेड की सलामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड राज्य का 24वें स्थापना दिवस प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया गया। इस राजधानी में इस मौके पर पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड वासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि आज ही के दिन साल 2000 में उत्तराखंड के लोगों का सपना पूरा किया। राष्ट्रपति ने कहा कि ये सराहनीय है कि उत्तराखंड के लोगों ने इस प्रदेश को विकसित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपनी अलग पहचान स्थापित करने और अपने विकास का रास्ता तय करने का उत्तराखंड के निवासियों का सपना आज ही के दिन पूरा हुआ था। कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली व गंगा-यमुना जैसी नदी- माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है। यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी- विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। हेमकुंड साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं।राष्ट्रपति ने कहा पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में मुझे उत्तराखंड की यात्रा करने का सुअवसर मिला था। उत्तराखंड में आने का प्रत्येक अवसर तीर्थ-यात्रा का पुण्य प्राप्त करने की तरह होता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी को याद किया। कहा कि इस राज्य के सभी निवासी तो उन्हें याद रखेंगे ही, नारी में संघर्ष की शक्ति के उदाहरण के रूप में उन्हें सभी देशवासी सदैव स्मरण करेंगे। कहा कि सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। बिशनी देवी शाह ने स्वाधीनता संग्राम के दौरान अपने असाधारण साहस का परिचय दिया था।इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से मैं और मेरी सरकार उत्तराखंड को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए हर मोर्चे पर प्रयास कर रहे हैं। हम विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शहीद स्थल कचहरी परिसर देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के कठिन परिश्रम, प्रयासों, दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड के विकास हेतु प्रतिबद्ध है।