रुद्रपुर वासियों को रास नहीं आ रहा गांधी पार्क की शिफ्टिंग का प्रस्ताव
पार्क के मौजूदा स्वरूप से छेड़छाड़ की कोशिश को बताया अव्यावहारिक, बीच का रास्ता निकालने पर दिया जोर
रूद्रपुर। शहर के ऐतिहासिक एवं प्राचीन, गांधी पार्क को सिंचाई विभाग की जमीन में स्थानांतरित कर गांधी पार्क में मल्टी स्टोरी पार्किंग एवं दुकान बनाने का विचार रुद्रपुर के निवासियों के गले नहीं उतर पा रहा है। शहर के तमाम संभ्रांत व्यक्ति गांधी पार्क का स्वरूप बदले जाने का प्रस्ताव सामने आने से जहां खासा आहत है, वही नगर के अधिकांश व्यवसाईयों ने विगत दिनों ‘उत्तरांचल दर्पण’ के साथ हुई बातचीत में गांधी पार्क के साथ किसी भी किस्म की भावी छेड़छाड़ की कोशिश प्रति गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे पूरी तरह अव्यावहारिक भी बताया। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं व्यवसाई वेद ठुकराल ने चर्चा के दौरान कहा कि गांधी पार्क के वर्तमान स्वरूप से छेड़छाड़ किए बिना भी नगर की पार्किंग समस्या का हल किया जा सकता है। उनके अनुसार गांधी पार्क की शिफ्टिंग के प्रस्ताव की जानकारी होने पर उन्हें काफी दुख हुआ है और वे खासा आहत है। उन्होंने आगे बताया कि इस विषय पर मैंने पार्टी फोरम पर अपनी बात रख दी है तथा इस मामले के समस्त पहलुओं से केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट को भी अवगत करा दिया है। भविष्य में कोशिश रहेगी की कोई बीच का रास्ता निकले। उनके अनुसार शहर के बुनियादी ढांचे को ध्यान में रखते ही हुए ही कोई योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिना तोड़फोड़ एवं उठापटक के भी अच्छी विकास की योजनाएं तैयार की जा सकती हैं तथा शहर के चारों दिशाओं में छोटी-छोटी पार्किंग बनाकर भी पार्किंग की समस्या का निदान किया जा सकता है और इसके लिए गांधी पार्क के मौजूदा स्वरूप में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है। वहीं शहर के एक अन्य व्यवसाई दलजीत सिंह ‘हन्नी’ का मानना था कि गांधी पार्क जहां है उसे वही रहने देना चाहिए ,साथ ही इसे और भी अच्छा बनाया जाना चाहिए तथा इस मसले पर शहर के व्यापारियों, बुजुर्गों, युवाओं आदि सभी आमजन को विश्वास में लेकर ही आगे कोई कदम उठाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम शहर के विकास के विरोध में नहीं है लेकिन अगर कोई अगर कोई ऐसा विकल्प निकल सके, जिससे गांधी पार्क भी अपने अस्तित्व में रहे और शहर की पार्किंग संबंधी समस्या का भी निदान हो जाए ,तो ऐसे विकल्प पर विचार होना चाहिए। उनके अनुसार गांधी पार्क के अनेक सार्वजनिक उपयोग भी है ।शहर के बीचो-बीच होने के कारण किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में लोगबाग आसानी से पहुंच जाते हैं। इसलिए इसका मौजूदा स्वरूप ही बरकरार रहना चाहिए । दूसरी तरफ युवा व्यवसाई अमित बांगा ने बातचीत के दौरान कहा कि शहर के बीचो-बीच एकमात्र खुला स्थान गांधी पार्क ही है। इसलिए इसे वर्तमान स्वरूप में ही रहना चाहिए। इसमें पार्किंग और दुकान बनाने के बजाय इसे एक अच्छे पार्क के रूप में विकसित करने के प्रयास होने चाहिए। अगर शहर को विकसित करने के क्रम में नई पार्किंग और दुकान बनाया जाना जरूरी ही है, तो सिंचाई विभाग के भूमि पर पार्किंग और दुकान बना दी जाए। गांधी पार्क सिर्फ एक पार्क ही नहीं है बल्कि यह शहर के क्रमिक विकास के समूचे इतिहास को अपने आप में समाहित किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का भाषण गांधी पार्क में ही हुआ था तथा उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उधम सिंह नगर जिले की घोषणा भी गांधी पार्क में ही की थी। गांधी पार्क शहर के विकास का आईना है और इसे अपने वर्तमान स्वरूप में ही मौजूद रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त युवा व्यापार मंडल के महामंत्री पवन गाबा ‘पल्ली’ ने पार्किग समस्या के निदान के नाम पर गांधी पार्क के मौजूदा स्वरूप से छेड़छाड़ को औचित्यहीन निरूपित करते हुए कहा कि रुद्रपुर के मुख्य बाजार की गलियां अब पर्याप्त चौड़ी हो गई है। इसलिए शहर में अब पार्किंग की उतनी समस्या नहीं है, लिहाजा पार्किंग और नई दुकानों के निर्माण के नाम पर, पार्क के वर्तमान स्वरूप से किसी प्रकार की छेड़छाड़ ठीक नहीं है। गांधी पार्क के अलावा भी शहर में पार्किंग के तमाम विकल्प मौजूद हैं । शहर हित में अगर पार्किंग बनाना जरूरी ही है, तो उसे सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि गांधी पार्क को और भी खूबसूरत बनाना चाहिए। सरकार अगर नहीं बना सकती तो इसे पीपीपी मोड पर दे दे, लेकिन शहर के बीच इस खुले स्थान को बिल्कुल भी डिस्टर्ब ना किया जाए। उनके अनुसार किसी भी आपातकाल की स्थिति यह गांधी पार्क ही शहर वासियों के काम आएगा। शहर के मुख्य व्यापार बाजार से कस्टमरों ग्राहकों के दूर होने की समस्या को रेखांकित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि समय के साथ ट्रांजिट कैंप की मार्केट कैंप में ही बन गई है, खेड़ा की मार्केट भी खेड़ा में डेवलप हो गई है तथा इंदिरा कॉलोनी की मार्केट इंदिरा कॉलोनी में और आवास विकास की मार्केट आवास विकास में विकसित हो गई है। इस कारण मुख्य बाजार में कस्टमर ही नहीं पहुंच पाते ।अगर हाईवे से लगे गांधी पार्क में नई मार्केट बना दी जाएगी, तो मुख्य बाजार से ग्राहक बिल्कुल ही गायब हो जाएंगे और मुख्य बाजार के व्यापार की कमर टूट जाएगी।