पापी रावण ने विभीषण को लात मारकर लंका से निकाला

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रूद्रपुर(उद संवाददाता)। मुख्य रामलीला में रविवार रात्रि हनुुमान जी की राम कैंप में वापसी, विभीषण निष्कासन, रावण-अंगद संवाद, कुंभकर्ण को जगाना, कुंभकर्ण वध तक की लीला का मंचन हुआ।विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा, समाजसेवी विनोद छाबड़ा बिट्टðू एवम विशिष्ट अतिथि अनिल शर्मा, संजीव रस्तोगी, मोनिका ढाली, नें सपरिवार दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया। गणेश वंदना, राम वंदना एवं हनुमान वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृश्य में लंका दहन करके हनुमान जी वापसी किष्किंधा लौटते हैं। हनुमान जी प्रभु राम को सीतामाता की चूड़ामणि सौंपकर उनसे मुलाकात का विवरण देते हैं। हनुमान जी रामजी को यह भी बताते हैं कि उन्होंने रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध कर दिया है, साथ ही वह रावण से भी मुलाकात कर आएं हैं। रावण द्वारा उनकी पूंछ में आग लगाए जाने पर लंका दहन भी कर आए हैं। उधर हनुमान द्वारा लंका दहन करने से कुपित रावण और मेघनाथ की विभीषण से बहस और विवाद हो जाता है गुस्से के मारे रावण विभीषण को लात मार कर लंका से निकाल देता है अपमानित विभीषण राम दल के पास पहुंच जाते हैं। राम को वानर दल का दूत यह खबर देता है हेलो तो राम उन्हें ऐसा सम्मान कैंप में लाने का आदेश देते हैं यहां विभीषण राम से शरण मांगता है तो राम उसे शरण देते हुए मित्रता कर लेते हैं। विभीषण राम कैंप के आसपास घूम रहे लंका के दो गुप्तचर को भी पकड़ कर राम को सौंप देते हैं जिनकी हनुमान जी अच्छी खासी मरम्मत करते हैं। राम जी विभीषण और राजा सुग्रीव व हनुमान जी से विचार विमर्श के बाद एक अंतिम दूध के रूप में अंगद जी को लंका भेजने का निर्णय करते हैं। अंगद जी लंका पहुंच जाते हैं और जहां पर उनकी रावण दरबार में रावण से मुलाकात होती है वह रावण को समझते हैं और न मानने पर उसे अपनी शत्तिफ का एक उदाहरण दिखाते हुए कहते हैं कि यदि मेरा यह पाओ आपका कोई भी सेनापति धरती से सकेगा तो हम अभी अपनी पराजय स्वीकार कर लेंगे रावण के समस्त सेनापति आकर अंगद जी का पांव उखाड़ने का प्रयास करते हैं लेकिन असफल रहते हैं आखिर में जब रावण ही स्वयं आकर अंगद का प्रारूप करना चाहता है तो अंगद कहते हैं कि मेरे पर पढ़ने से बढ़ गया है तुम प्रभु श्री राम जी के पैरों पर पड़ जाओ ताकि तुम्हें सद्गति मिल जाए और युद्ध की घोषणा करके वापस चले आते हैं। युद्ध प्रारंभ हो जाता है। रावण अपने महाबलशाली भाई कुंभकरण को जागने के लिए आदेश देता है। कड़ी में शॉर्टकट के बाद कुंभकरण को जगाया जाता है रावण कुंभकरण को युद्ध में जाने की आज्ञा देते हैं जहां युद्ध स्थल में राम और कुंभकरण का भारी युद्ध होता है और अंततः राम द्वारा कुंभकरण को मौत के घाट उतार दिया जाता है। गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर, राम की भूमिका में पुलकित बांबा, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, हनुमान – सुशील गाबा, रावण की भूमिका में विशाल भुड्डी, मेघनाद की भूमिका मे रमन अरोरा, कुंभकर्ण की भूमिका में अमन गुम्बर, विभीषण की भूमिका में सचिन आनन्द नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव विजय जग्गा, केवल कृष्ण बत्रा एवं संदीप धीर नें किया। इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, केवल कृष्ण बत्रा, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला आशीष मिîक्का, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीश सुखीजा,मनोज मंुजाल, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाष तनेजा,सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिîक्का, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, राजन राठौर, बिट्टðू ग्रोवर, सनी आहूजा, सनी कोहली, लवी ग्रोवर, नीतिश धीर, पंकज सुखीजा, सुरेश बब्बर, आयुश्मान सुशील गाबा आदि उपस्थित थे।

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