किसानों की आंख में धूल झोंकने का प्रयास कर रही सरकार: हरीश रावत
कांग्रेस नेताओं ने रूड़की में निकाली किसान सम्मान रैली
हरिद्वार(उद संवाददाता)। कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर नारसन से रुड़की तक किसान सम्मान रैली का आयोजन किया। पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में किसान सम्मान ट्रैक्टर रैली निकाली गई। वहीं गन्ने की फसल हाथों में लेकर किसान ट्रैक्टर में बैठक रवाना हुए। रैली में नेता प्रतिपक्ष नेता यशपाल आर्य के साथ सैकड़ों कांग्रेसी नेता और किसान शामिल रहे। गुरुवार को कांग्रेस के नेताओं ने किसानों के साथ मिलकर किसान सम्मान रैली का आयोजन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आयोजित किसान सम्मान रैली में पहुंचे प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को गन्ने का खरीद मूल्य घोषित करने और उसे कम से कम सवा चार सौ रुपए क्विंटल घोषित करने की मांग,आपदा और बाढ़ से प्रभावित किसानों के सभी तरह के फसली ऋण को माफ करने और नई पपफसल तक किसानों के बिजली के बिल माफ करने की मांग को लेकर रैली निकाली। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में अब किसान भाजपा की नीतियों से ऊब चुका है। जिस वजह से सरकार बदलने के मूड में दिखाई दे रही है। वहीं रैली में मौजूद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि देश का किसान अन्नदाता है। लेकिन भाजपा सरकार ने उनका अनादर किया है। इसी बात को लेकर अब किसान इस झूठी सरकार से तंग आकर 2024 में पूरे देश से सरकार को उखाड़ फेंकना चाहता है।किसान यात्रा नारसन से शुरू होकर लिब्बरहेड़ी और मंगलौर होते हुए रुड़की में एसडीएम चौक पर पहुंची। इस मौके पर विधायक ममता राकेश, अनुपमा रावत, फुरकान अहमद, वीरेंद्र जाती, रवि बहादुर, महानगर अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक चौधरी यशवीर सिंह, रामयश सिंह, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन, सुधीर शांडिल्य, सुभाष सैनी आदि मौजूद रहे। पूर्व सीएम हरीश रावत ने रुड़की में विभिन्न महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। उन्होंने चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, संत रविदास, डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर नमन किया। साथ ही कहा कि भाजपा अमर बलिदानियों के बताए रास्ते पर न चलकर भेदभाव और वोटों की राजनीति कर रही है।इस दौरान मीडिया से वार्ता करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से प्रभावित किसानों की सरकार सुध नहीं ले रही है। उन्होंने राज्य सरकार से किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि किसान यूनियन और राज्य के किसानों को पिपफर सरकार ने छल दिया है। कह रहे हैं कि आपदा का पुर्न सर्वेक्षण करवाएंगे। क्या कृषि मंत्री जी यह समझते हैं कि आज भी किसान के खेत में पानी खड़ा ही होगा, उसमें उसका गन्ना सड़ ही रहा होगा ? जहां किसान का धान नष्ट हो गया था, चरी नष्ट हो गई थी, आगे की पपफसल की तैयारी नहीं की होगी ? अब सर्वेक्षण किस बात का करवाओगे? यह किसानों की आंख में धूल झोंकने का एक प्रयास है। सीधी सी मांग है, किसानों का जो आपने 1100 प्रति बीघा मुआवजा दिया है, वह किसानों का अपमान है। हमारी मांग तो 10 हजार रुपया प्रति बीघा है, आप अपनी क्षमता देखकर के इसको बढ़ाइये। चलो हमारी ट्रैक्टर रैली का इतना तो असर हुआ और जब 19 अक्टूबर को किसान फिर सड़क में होगा तो हो सकता है कुछ और सरकार की इंद्रियां खुलें और वो किसानों में अपनी रेटिंग को सुधारने के लिए कुछ प्रयास करें।