सगाई के बाद चोरी से वीडियो क्लिप बनाकर दहेज में रखी पांच लाख की डिमांड
पति सास व मौसी मौसी के खिलाफ कोर्ट ने जारी किये मुकदमा दर्ज करने के आदेश
काशीपुर(उद संवाददाता)। सगाई के बाद होने वाली पत्नी से नजदीकी बढ़ाकर एक शातिर दिमाग युवक ने पहले उसके साथ ऑडियो वीडियो क्लिप बनाया बाद में दहेज के नाम पर पांच लाख रूपयों की डिमांड रख दी। आरोपी के परिजनों ने कन्या पक्ष को धमकाया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो ऑडियो वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर डालकर लड़की को बदनाम कर दिया जाएगा। इस मामले में जब जिम्मेदार लोगों ने समझौता कर दिया तो कन्या पक्ष ने युवती की शादी दूसरी जगह तय कर दी इस दौरान आरोप है कि आरोपी पक्ष में उसके मंगेतर की मोबाइल फोन पर ऑडियो वीडियो क्लिप डाल दी फल स्वरुप रिश्ता जुड़ने से पहले ही टूट गया। इस मामले में जब पीड़ित पक्ष ने कोतवाली पुलिस को लिखित शिकायती पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाई तो पुलिस ने मामले को नजरअंदाज कर दिया। इसी तरह जिले के एसएसपी ने भी पीड़िता की गुहार को अनसुना कर दिया फल स्वरुप न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने पर कोर्ट ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही के निर्देश दिए। घटना के बारे में अपने अधिवक्ता अब्दुल सलीम एडवोकेट के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर काशीपुर क्षेत्र निवासी एक महिला ने बताया कि लगभग 4 वर्ष पूर्व उसने अपनी पुत्री का विवाह चांदपुर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी रिहान नामक युवक के साथ तय किया। इंगेजमेंट होने के बाद रिहान अपनी होने वाली पत्नी से मोबाइल फोन पर बातचीत करने लगा। इस बीच दोनों वीडियो कॉलिंग पर भी चौट किया करते थे। आरोप है कि इसी बीच रेहान ने दहेज में पांच लाख रूपयों की डिमांड कर दी। रेहान की मां आसमा, मौसी बिलकिस व मौसा सगीर आदि ने धमकाया कि यदि उसकी मांग पूरी नहीं किया गया तो उसके द्वारा मोबाइल फोन से बनाई गई ऑडियो वीडियो क्लिप को वह सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। मामला चर्चा का विषय बना दो कुछ गणमान्य लोगों ने बीच में समझौता करा दिया। इस दौरान कन्या पक्ष ने युवती की शादी अन्य जगह तय कर दी। आरोप है कि दूसरी जगह शादी तय होने पर रेहान ने युवती के मंगेतर के मोबाइल फोन पर ऑडियो वीडियो क्लिप डाल दी जिससे उसका रिश्ता टूट गया। इस मामले में कोतवाली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ शिकायती पत्र देने पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी डाक द्वारा लिखित सूचना देने के बाद जब उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की तो मजबूर होकर पीड़ित पक्ष में कोर्ट की शरण ली। न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने पर अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही के निर्देश दिए।