बैकफुट पर ‘धामी सरकार’: चढ़ने से पहले ही उतरा मिनी होम बार का खुमार !

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मातृशक्ति के मुखर विरोध के स्वर मुखर होने पर सरकार ने वापस खींचे कदम
अर्श
रूद्रपुर। उत्तराखंड सरकार की ‘मिनी होम बार योजना’ कतिपय राजनेताओं एवं मातृशक्ति के मुखर विरोध के चलते फिलहाल आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई है। घर में बार बनाने के लिए वार्षिक लाइसेंस जारी करने का विरोध कुछ इस तरह प्रबल हुआ कि धामी सरकार के हाथ पांव फूल गए। नतीजतन आबकारी विभाग ने इस व्यवस्था पर फिलवक्त रोक लगा दी है। आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल की ओर से इस आशय के आदेश बीते बुधवार को जारी कर दिए गए। गौरतलब है कि पिछले दिनों देहरादून में एक व्यक्ति को कुछ शर्तों के अधीन घरेलू बार स्थापित करने का लाइसेंस जारी किया गया था, परंतु मिनी होम बार की उपरोक्त अनुज्ञप्ति जारी होने के तुरंत बाद महिलाओं ने आबकारी विभाग की इस व्यवस्था का विरोध शुरू कर दिया ।साथ ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सरकार की इस योजना को यह कहते हुए आड़े हाथों लिया था कि सरकार मिनी होम बार योजना के द्वारा प्रदेश के युवाओं को नशे का आदी बनाने का दुष्चक्र रच रही है और सरकार की इस व्यवस्था से उत्तराखंड के गांव-गांव और घर-घर तक शराब का नशा सुलभ हो जाएगा। सो, दिनों दिन मुखर होते तमाम विरोध के मद्देनजर राज्य सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल देने में ही अपनी भलाई समझी। बताना होगा कि चालू वर्ष की आबकारी नीति में घरेलू बार लाइसेंस की व्यवस्था की गई थी।इसके तहत बार लाइसेंस लेने वाले को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष लाइसेंस फीस के तौर पर आबकारी विभाग को चुकाने होते। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को घर में 50 लीटर तक शराब रखने की अनुमति मिल जाती। हालांकि इस व्यवस्था के अंतर्गत शराब रखने की मात्रा का वर्गीकरण भी किया था और इसके तहत नौ लीटर भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब, नौ लीटर आयातित शराब, 18 लीटर वाइन और 15.6 लीटर बीयर रखने की अनुमति दी गई थी। राज्य सरकार की इस व्यवस्था से उत्साहित कुछ शराब शौकीन लोग इस योजना में काफी रूचि भी दिखा रहे थे। इन्हीं में से एक को पिछले दिनों एक बार लाइसेंस जारी भी किया गया था ,लेकिन इसका कुछ वर्गों और महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया ।इसके बाद आबकारी विभाग को इस व्यवस्था पर रोक लगाने का निर्णय लेना पड़ा। संयुक्त आयुक्त आबकारी बीएस चौहान ने राज्य के आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल द्वारा बुधवार को जारी किए गए आदेश का हवाला देते हुए बताया कि फिलहाल इस व्यवस्था पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग के वर्तमान नियमों के तहत प्रदेश में कोई भी व्यक्ति केवल नौ लीटर शराब का ही परिवहन कर सकता है ।साथ ही इससे ज्यादा शराब घर में रखना भी आबकारी अधिनियम के विरुद्ध है।

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