पीएम मोदी की आध्यात्मिक यात्रा लेकर खूब हो रही चर्चाएं: जागेश्वर धाम में पूजा और ऊं पर्वत, आदि कैलाश के दिव्य दर्शन कर चंपावत में करेंगे रात्रि विश्राम
कुमाऊं मंडल में धाार्मिक पर्यटन को मिलेगा विकास का नया आयाम
मानसखंड कॉरीडोर के विकास से इंटरनेशनल डेस्टीनेशन के रूप में विकसित होगा कुमाऊं मंडल
ऊधमसिंहनगर(उद ब्यूरो)। देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्राी श्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड दौरे पर आ रहे हैं। 12 अक्टूबर से दो दिन पीएम मोदी कुमाऊं दौरे पर रहेंगे। पीएम कुमाऊं मंडल के तीन जिलों पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा के दौरा करेंगे। पीएम मोदी के दौरे को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी का ये दौरा कुमाऊं के लिए काफी अहम होने वाला है। पीएम मोदी जागेश्वर धाम पहुंचेगे और फिर पिथौरागढ़ जायेगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का ये दौर कुमाऊं में पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्रा में विकास के नये आयाम स्थापित करेंगे। उत्तराखंड के कुमांऊ मंडल में राज्य की धामी सरकार ने मानसखंड कॉरीडोर के तहत धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने का संकल्प लिया है। ऐसे में इस वर्ष पीएम मोदी 12 अक्टूबर को उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के दौरे पर आ रहे हैं। क्योंकि पीएम मोदी के दौरे से देश ही नहीं विदेशों में भी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की आध्यात्मिक यात्रा से सीधा संदेश जाएगा। हांलाकि पीएम नरेंद्र मोदी पिछले लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में अल्मोड़ा पहुंचकर जनसभा की थी। यहां उन्होंने मंच से न्याय के देवता गोल्ज्यू को प्रणाम कर न सर्फि जागेश्वर धाम बल्कि क्षेत्रा के विकास एवं पौराणिक मंदिरों के विकास के लिये भरपूर सहयोग देने का वायदा किया था। सीएम धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल मानसखंड कॉरीडोर में शामिल प्रमुख धार्मिक स्थलों व प्राचीन मंदिरों को संरक्षित और विकसति करने के लिये सड़क मार्गों का विकास सबसे अहम है। सरकार को केंद्र सरकार से इस योजना के लिये आर्थिक मदद मिलेगी तो निश्चित तौर पर कुमां मंडल मे धार्मिक पर्यटन के लिये पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। कुमांऊ मंडल के सीमांत क्षेत्रों में सड़क,शिक्षा, स्वास्थ्य और नेटवर्क की मूलभूत समस्याओं को व्यपक स्तर पर दूर करने की जरूत है। बहरहाल पीएम मोदी का ये दौरा कुमाऊं को तीर्थाटन व पर्यटन के लिए एक इंटरनेशनल डेस्टीनेशन बनाने का काम करेगा। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का दौरा बेहद ही सुस्त पड़ी कुमाऊं की अर्थव्यवस्था रफ्रतार पकड़ लेगी। कुमाऊं में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पूंजी निवेश भी बढ़ेगा। पीएम मोदी का दौरा सिर्फ इसलिए खास नहीं है क्योंकि इस से दुनिया में सुरक्षित कुमाऊं का संदेश जाएगा। बल्कि इस से कुमाऊं मंडल के हिमालय श्रंखला में शामिल अलौकिक एवं विहंगम ऊं पर्वत,आदि कैलाश, कैलाश मानसरोवर, जागेश्वर धाम जैसे तीर्थ स्थलों की सीधे दुनिया में ब्रांडिंग हो जाएगी। पीएम के दौरे को लेकर दरमा, व्यास, चौंदास घाटी के लोगों के साथ ही पूरे कुमाऊं के लोग काफी उत्साहित हैं। श्री आदि कैलाश यात्रा के दौरान पर्यटकों को जोगंलिंगकोगं मे आदि कैलाश के दर्शन के बाद से ऊँ पर्वत के दर्शन के लिए जाते समय वापिस कुटी,नाबी, गुंजी और कालापानी ;काली नदी का उद्गम स्थल द्धके सुंदर अतिसुंदर प्राकृतिक दृश्यो के आन्नद लेते हुए आध्यात्म की अदभुद अनुभूति होती है। प्रधानमंत्राी का ये दौरा सामरिक रूप से भी काफी महत्वपूरण है। दरअसल पीएम चीन सीमा से मात्रा कुछ किमी की दूरी पर पर ही रहेंगे। ऐसे में पूरी दुनिया में भारत की बढ़ती शत्तिफ का संदेश जाएगा। इसके साथ ही कुमाऊं में जागेश्वर सबसे बड़ा शिव धाम है। लेकिन फिर भी यहां श्र(ालुओं की संख्या काफी कम है। इसके साथ ही यहां पर आदि कैलाश, ऊं पर्वत है। पहले सड़क ना होने के कारण यहां की यात्रा काफी कठिन थी। लेकिन अब सारी सुविधाएं है। लेकिन फिर भी गढ़वाल के मुकाबले यहां काफी कम लोग पहुंचते हैं। जिसके चलते सरकार इसे शिवा तीर्थ सर्किट बनाकर प्रमोट करने जा रही है। जिससे देश विदेश के पर्यटक यहां पहुंचने के लिये आकर्षित हांेगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में हर वर्ष विशेष यात्रा पर पहुंचते रहे है। चारधाम यात्रा पर वह पारम्परिक रूप से दर्शन करने पहुंचते है। पीएम मोदी अपने कार्यकाल में नौ बार श्री केदारनाथ और दो बार बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे है। उत्तराखंड को टयूरिज्म और फिलमांकन का केंद्र बनाने के लिये धामी सरकार
भी भरसक प्रयास करने जुटी हुई है।