राजभवन में पांच दिवसीय टाॅपर्स कान्क्लेव का समापन

अनेक बुद्धिजीवियों ने देवभूमि के मेधावी बच्चों के साथ साझा किया ज्ञान

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देहरादून। राजभवन में पांच दिवसीय टाॅपर्स कान्क्लेव का विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल डाॅ० कृष्ण कांत पाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि “टाॅपर्स कान्क्लेव” का यह चतुर्थ संस्करण सकारात्मक और सार्थक रहा। टाॅपर्स कान्क्लेव उत्कृष्ट छात्रों के लिए एक ऐसा मंच है, जो छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी हासिल करने का अवसर उपलब्ध कराता है। राज्यपाल डाॅ० पाल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि पद्म विभूषण प्रो० जे.वी. नार्लीकर और पद्मश्री प्रो० ए.एस. किरन कुमार सहित अन्य प्रबुद्ध वक्ताओं ने जो भी अपना ज्ञान छात्र-छात्राओं को दिया उससे सभी लाभान्वित हुए होंगे। उन्होंने कहा कि इस मंच में सांस्कृतिक धरोहर, बौद्धिक सम्पदा, तकनीक, साईबर तकनीक आदि सभी विषयों पर बात हो चुकी है। जिससे हम सभी किसी न किसी प्रकार से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि हम एक असाधारण समय से गुजर रहे हैं, इस समय जब देश विकास की तेज गति से दौड़ रहा है, इस समय देश को आदर्शवादी और रचनात्मक युवाओं की आवश्यकता है।पद्म विभूषण प्रो० जयन्त विष्णु नार्लीकर ने छात्र-छात्राओं को गुरूत्वाकर्षण के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खगोलीय पिण्ड एक दूसरे को अपनी ओर आकृषित करते हैं, जिसके कारण बहुत सी ऐसी घटनाएं होती हैं जिसके कारण यह जीवन सम्भव हुआ है। ब्लैक होल, चन्द्रशेखर लिमिट आदि के विषय में बात करते हुए उन्होंने खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। प्रो० नार्लीकर ने बताया कि महाराष्ट्र में ग्रैविटेशनल वेव डिटैक्टर बनाया जा रहा है। इस प्रकार के नये साधनों से हमें खगोल विज्ञान के और अनसुलझे रहस्यों को जानने का अवसर मिलेगा।उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ० धनसिंह रावत ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्म विभूषण प्रो० जे.वी. नार्लीकर हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी लगातार प्रयासरत है कि छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यू.जी.सी. के मानक हैं कि 100 डिग्री काॅलेज पर एक विश्वविद्यालय होना चाहिए। और #Uttarakhand ऐसा पहला राज्य है जो इस मानक को पूरा करने जा रहा है।श्रेष्ठ वक्ता के रूप में चयनित जी.बी.पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के श्री सुदर्शन मिश्रा ने कहा कि विज्ञानधाम की यात्रा बहुत ही ज्ञानवर्धक रही। श्री सुदर्शन मिश्रा ने कहा कि विज्ञानधाम में बिताए 20 मिनटों ने हिमालय के बहुत से ऐसे पहलुओं की जानकारी दी जिससे वो अब तक अन्जान था। उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी की सुश्री आरती ने कहा कि टाॅपर्स कान्क्लेव में उन्हें प्रतिष्ठित विद्वानों को सुनने व विभिन्न बिंदुओं पर उनसे अपनी जिज्ञासाओं के समाधान का अवसर मिला। पद्म विभूषण प्रो० जयन्त विष्णु नार्लीकर द्वारा खगोल विज्ञान के विषय में दी गयी जानकारी ने हम सभी को खगोल विज्ञान के विषय में और अधिक जानकारी हासिल करने की ओर प्रेरित किया।टाॅपर्स कान्क्लेव के समापन अवसर पर विश्वविद्यालयों के टाॅपर्स को सम्मानित किया गया। पांच दिनों तक आयोजित परिचर्चाओं में प्रतिभाग करने वाले टाॅपर्स में से दो श्रेष्ठ वक्ता के रूप में चयनित जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के श्री सुदर्शन मिश्रा व उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी की सुश्री आरती को राज्यपाल डाॅ० कृष्ण कांत पाल व उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ० धन सिंह रावत ने सम्मानित किया।

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