सरकारी अस्पताल की बदहाली पर फूटा गुस्सा

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रामनगर(उद संवाददाता)। सरकारी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं के खिलाफ लोगों का आक्रोश फूट गया। उन्होंने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक के खिलाफ भी नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में आयोजित इस धरना प्रदर्शन में पंचायत एवं नगर पालिका के प्रतिनिधियों के साथ ही आम जनता ने भी पूरी तरह सहभागिता जताते हुए रामनगर अस्पताल के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। बता दंे रामनगर के इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा कुछ वर्ष पूर्व अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया गया था लेकिन जब से यह अस्पताल पीपीपी मोड पर गया है तब से यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। जनता को उपचार न देकर उन्हें रेफर किया जा रहा है या कई मासूम व गरीब लोग उपचार के अभाव में अपनी जान गवा रहे हैं। पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किये जा चुके हैं लेकिन प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह खामोश है। इससे स्पष्ट है कि सरकार और सत्ता पक्ष के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिली भगत है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर यहां स्टाफ द्वारा मरीजों एवं उनके तीमारदारों के साथ अभद्रता की जा रही है तो वहीं उपचार के लिए आने वाले मरीजों को उपचार न देकर उन्हें रेफर किया जा रहा है तथा डिलीवरी के दौरान भी स्टाफ द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब यह सब कुछ सहन नहीं किया जाएगा यदि इस अस्पताल को सरकार ने पीपीपी मोड से शीघ्र नहीं हटाया तो उग्र आंदोलन जनता के साथ मिलकर किया जाएगा।

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