बड़ी खबर : अशोभनीय टिप्पणी के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री हेमंत विसवासर्मा को जारी किया समन
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय दाखिल किया परिवाद,लोगों की भावनाएं हुई आहत
रूद्रपुर (उद संवाददाता)। असम मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को 30 सितंबर को तृतीय अपर सत्र न्यायालय ऊधम सिंह नगर में उपस्थित होने को समन जारी किया गया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी मामले में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को समन जारी हुआ है। इस मामले पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश उधमसिंह नगर मीना देवपा ने सम्मन जारी कर मुख्यमंत्री असम हेमंत विसवासर्मा को 30 सितंबर को हाजिर होने के लिए नोटिस भेजा है। बता दें कि असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की थी। उन्होंने साल 2022 में उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किच्छा में हुई जनसभा को सम्बोधित किया था। अपने इस संबोधन में उन्होंने कांग्रेसी नेता और तत्कालीन सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर कहा था कि आप कौन से पिता के बेटे है, हमने प्रूफ मांगा क्या कहा था। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने जिला एवं सत्र न्यायालय, रुद्रपुर ऊधम सिंह नगर की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया था। दाखिल परिवाद पर डॉ गणेश उपाध्याय ने अपने ब्यान दर्ज कराते हुए कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान असम राज्य के मुख्यमंत्री श्री हिमता बिसवासर्मा ने 67 किच्छा विधानसभा में किच्छा नगर में स्थित तहसील कार्यालय के सामने इन्द्रा गांधी मैदान में दिनांक 11 फरवरी 2022 को एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार का प्रचार करते हुए दिन में लगभग एक बजे के आसपास एक सभा को सार्वजनिक रूप से सम्बोधित किया। हिमता बिसवासर्मा मुख्यमंत्री द्वारा अपने सम्बोधन में कांग्रेसी नेता व तत्कालीन सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर पूर्ण विद्वेष भावना से ग्रसित होकर शब्दों आप कौन से पिता के बेटे हैं, हमने प्रूफ मांगा क्या ये कहा गया। उनके शब्दों से प्रत्यक्ष रूप से भी राहुल गांधी की माता सोनिया गांधी पर लांछन लगा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी का चरित्र हनन किया गया है। दाखिल परिवाद के मुताबिक ये निश्चित रूप से ये सूचना एवं प्राद्योगिकी कानून के प्राविधानों का दुरूपयोग भी है। समाज के सभ्य लोगों की भावनाएं आहत हुई है। उन्होंने माननीय न्यायालय पूर्व में असम के मुख्यमंत्री हिमता विसवासर्मा के खिलाफ दाखिल परिवाद में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।