काशीपुर में जलभराव से आबादी वाले दर्जनों मोहल्लों में स्थिति बेहद बद से बदतर
काशीपुर(उद संवाददाता)। लगभग सप्ताह पर के करीब से यहां उमस भरी गर्मी का दंश झेल रहे क्षेत्रवासियों को रिमझिम बारिश की फुहार ने एक बार फिर से राहत तो दे दी लेकिन पूर्व की भांति महज कुछ घंटों की बारिश में एक बार फिर से शहर जलजमाव के कारण नारकीय हो गया। वहीं दूसरी ओर तमाम दुकानों में पानी भर जाने के कारण व्यापारियों को भी नुकसान से दो-चार होना पड़ा है। पिछले एक सप्ताह के करीब से भीषण उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया था। इसी बीच आसमान पर उमड़ घुमड़ कर रहे बादलों ने तड़के लगभग 3 बजे तल्ख रूप ले लिया और देखते ही देखते तेज हवाओं तथा गरज चमक के साथ मूसलाधार बारिश होने लगी। बरसात का यह क्रम खबर लिखे जाने तक लगातार जारी था।मूसलाधार बारिश से काशीपुर शहर एक बार फिर से जल भराव के कारण तलैया में तब्दील हो गया है। मेन मार्केट रतन रोड गाजीबाद कटोरा ताल डॉक्टर लाइन सब्जी मंडी स्टेशन रोड मुरादाबाद रोड महेश पुरा रोड आदि महत्वपूर्ण इलाकों के अलावा घनी आबादी वाले दर्जनों मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति बेहद बद से बदतर हो चुकी है। स्थानीय लोगों को जहां एक और मल मूत्र युक्त पानी से होकर आवागमन करना पड़ रहा है वही जल जमाव के कारण यातायात व्यवस्था बाधित है। स्टेशन रोड पर अत्यधिक पानी जमा होने के कारण अधिकांश दो पहिया चार पहिया वाहन बंद हो गए। इसी तरह रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर भी भारी जल जमाव देखा जा सकता है। बरसात से पूर्व निगम प्रशासन द्वारा नाले नालियों के तली झाड़ की भली प्रकार से यदि सफाई कराई गई होती तो शायद जलजमाव के मुश्किलों से कुछ हद तक बचा जा सकता था लेकिन जानकारों का कहना है कि नाले नालियों की साफ सफाई के नाम पर निगम प्रशासन ने औपचारिकता तक नहीं की।तड़के से हो रही मूसलाधार बारिश के बीच मोहल्ला कटरा मालियन वार्ड नंबर 19 मदान बिस्कुट वाली गली निवासी देवेंद्र यादव पुत्र स्वर्गीय जगदीश यादव मकान बारिश में गिरकर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। मकान मलबे में तब्दील होने के बाद से परिवार के सदस्य खुले आसमान के नीचे जीवन बसर करने को विवश है। समाजसेवी राजकुमार यादव को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने पीड़ित परिवार को सहयोग के लिए ढांढस बंधाया है। इसके अलावा स्थानीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी क्षेत्रीय विधायक से पीड़ित परिवार को आर्थिक तौर पर राहत दिलाए जाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि पूर्व में कई बार पीड़ित ने निगम के अधिकारियों को हालात के बारे में जानकारी देते हुए सहयोग मांगा था लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई।