धामी मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरों को किया जा सकता हैं शामिल,2 मंत्रियों को हटाने की भी तेज हुई चर्चायें

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ऊधमसिंहनगर। वैसे तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली यात्रा और वहां उनकी प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री ,पार्टी अध्यक्ष और पार्टी महासचिव से भेंट के बाद से ही उत्तराखंड सरकार के विस्तार के कयास लगाए जाने लगे थे, मगर बीते रोज मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात ने धामी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं को अब और भी हवा दे दी है तथा भरी बरसात में मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में बकायदा कौन होगा आउट और कौन होगा इन का गुणा भाग भी लगाया जाने लगा है । विदित हो कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्यों का मंत्रिमंडल है। पिछले साल 23 मार्च को जब मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली थी , तब उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। जिनमे सतपाल महाराज, डॉ धन सिंह रावत, गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल, चंदन रामदास और प्रेमचन्द अग्रवाल शामिल थे। इस तरह उत्तराखंड में तीन मंत्रियों की जगह खाली थी, लेकिन चंदन राम दास के निधन के बाद खाली स्थानों की संख्या अब चार हो गई है । मगर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की उत्तराखंड में प्रस्तावित मंत्रिमंडल के विस्तार में चार की बजाए छह नए मंत्री बनाए जा सकते हैं और इसके लिए सूबे के दो मंत्रियों की छुट्टðी की जा सकती है ।माना जा रहा है कि जिन दो विधायकों को मंत्री पद से हटाया जाएगा उन्हें कहीं और समायोजित किया जाएगा । विधानसभा में बैकडोर भर्तियों और )षिकेश में भाजपा कार्यकर्ता से बीच सड़क में मारपीट प्रकरण सहित कई मामलों में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कारण सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को लेकर भी अकसर विवाद की स्थिति बनी रहती है। कांवर यात्रा  सीजन के दौरान भी पर्यटन मंत्री नदारद होने से सरकार को काफी फजीहत उठानी पड़ी। ऐसे में माना जा रहा है कि महाराज और प्रेमचंद्र अग्रवाल मंत्रिमंडल से आउट हो सकते हैं। ऐसे में कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है । बागेश्वर के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद इस आरक्षित सीट पर किसी अरक्षित चेहरे को ही मंत्री पद दिया जा सकता है।कुमाऊ से नैनीताल विधायक सरिता आर्य अथवा देहरादून से विधायक खजानदास आरक्षित सीट पर आ सकते हैं। यह भी चर्चा है कि अगर देहरादून से किसी मंत्री को हटाया गया तो देहरादून से ही किसी और विधायक की किस्मत जाग सकती है। इस क्रम में विधायक उमेश शर्मा काऊ का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अतिरित्तफ विधायक शिव अरोरा, अरविन्द पांडेय,दिलीप रावत, खजान दास, विनोद चमोली, राम सिंह कैड़ा, सुरेश गड़िया, मुन्ना सिंह चौहान भी मंत्री पद के सशत्तफ दावेदार माने जा रहे हैं । हालांकि शीर्ष नेतृत्व से कई दौर की वार्ता के बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल को के विस्तार को लेकर रहस्यमई चुप्पी अभी भी बरकरार है ,फिर भी राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी आम है कि बीजेपी के फैसले अक्सर चौकाने वाले ही होते है लिहाजा संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में भी कुछ अप्रत्याशित निकलकर सामने आ सकता है।

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