योगमय हुई देवभूमि: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, हमारी संस्कृति लोक कल्याण की अवधारणा का आधार
देहरादून/हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रदेश भर में उत्साह के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार पतंजलि योगपीठ फेज 2 हरिद्वार के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में योगाभ्यास किया इसके बाद उन्होंने जागेश्वर धाम में आयोजित कार्यक्रम में पहुचंकर योग किया। योगाभ्यास के बाद अपने संबोधन में सभी को योग दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दृढ़ संकल्प से प्रारंभ हुई ये यात्रा आज आप सभी के समर्पण और दृढ़ता के कारण इस गंतव्य तक पहुंच सकी है। सनातन संस्कृति का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है और यही हमारे देश की 140 करोड़ जनता का मूल संस्कार भी है, जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है। इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ तय की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षडयंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में से एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है। भारत की संत परंपरा हमेशा से ही ‘देश प्रथम’ की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और महान योग साधक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान और स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है तथा भारत विश्व गुरू के पद पर पुनः आरूढ़ होने के लिए तैयार हो रहा है । अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस इसका एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। मुख्यमंत्री धामी ने कोराना काल का जिक्र करते हुये कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और कोरोना महामारी के दौरान हम सभी योग के महत्व से परिचित भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दौड़भाग की जिन्दगी में चुनौती के साथ तनाव भी हैं तथा इस तनाव को दूर करने का साधन योग है, जिसे उत्तरोत्तर आगे बढ़ाने में पतंजलि का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मन अत्यंत चंचल है। यह भौतिक साधनों के पीछे भागता है, यह दौड़ता हुआ मन कभी भी व्यक्ति को चेतना की गहराइयों में नहीं ले जा पाता। हमारे इसी अन्तर्द्वन्द्व को शांत करने की प्रक्रिया योग कहलाती है और योग से ही हमें अपने शुद्ध आत्म स्वरूप को जानने का अवसर मिलता है। यही कारण है कि आज भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी योग की ख्याति बढ़ रही है और प्राचीन भारतीय पद्धतियों की महत्ता एवं वैज्ञानिकता सिद्ध हो रही है। वहीं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ;से निद्ध ने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया गया। इस दौरान राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा पतंजलि योगपीठ व शांतिकुंज की छात्राओं, पुलिस के जवानों आदि द्वारा राजभवन परिसर में योगाभ्यास व प्राणायाम किए गए। योगाचार्य डॉ. अंकित ने उपस्थित लोगों को योगाभ्यास करवाया। 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि योग से मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को योग अपने नित्य दिनचर्या में अपनाना चाहिए। योग हमारी सोच, हमारे विचार और क्रिया में सकारात्मक बदलाव लाता है। इससे एक सकारात्मक ऊर्जा व स्वस्थ जीवन जीने की शक्ति मिलती है।उन्होंने कहा की योग ने पूरे विश्व को जोड़ दिया है। भारत में युगों-युगों से फ्वसुधैव कुटुम्बकमय् के मंत्र का पालन किया जाता रहा है, जिसे आज दुनिया भर में स्वीकार कर लिया गया है, हम सब एक-दूसरे के आरोग्य की कामना कर रहे हैं। योग के माध्यम से भारत ने पूरे विश्व को एकता का संदेश दिया है। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें सबक सिखाया है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए योग एवं प्राणायाम को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 08 वर्ष पूर्व योग को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने के पश्चात् अभी तक योग विश्व के लगभग हर कोने में अपनाया जाने लगा है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की योग भूमि ने पूरी दुनिया को योग का संदेश दिया है। इस दौरान सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस.भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव के अलावा कई लोग उपस्थित रहे।