गरिमा का लक्ष्य था अर्जुन समान: प्रथम प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में देश में 39 वी रैंक प्राप्त कर छू लिया आसमान
रुद्रपुर। लक्ष्य यदि अर्जुन जैसा हो तो परिणाम भी अर्जुन के तीर के समान ही होता है। सिविल सेवा में 39 वीं रैंक प्राप्त करने वाली आरएएन स्कूल की छात्रा रही गरिमा नरूला की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। हाई स्कूल में ही सिविल सेवा में जाने का मन बना चुकी गरिमा का लक्ष्य तब और मजबूत हो गया जब उसने सीबीएसई की इंटर परीक्षा में उधम सिंह नगर टॉप कर सबको चौंका दिया। अपनी मेहनत से अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रही गरिमा शुरू से ही मेधावी है। गरिमा नरूला ने इंटर में जिला टॉप करने के बाद स्पष्ट रूप से सिविल सेवा में जाने के अपने लक्ष्य को उजागर किया। 2017 में इंटर टॉप करने के दौरान उन्होंने उत्तरांचल दर्पण के साथ साक्षात्कार में कहा था कि उसका इरादा सिविल सेवा में जाकर समाज की सेवा करने का है। अपने इस लक्ष्य पर गरिमा ने फोकस किया और कड़ी मेहनत और लगन के दम पर परिणाम सबके सामने हैं। रूद्रपुर की इस बेटी ने न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा पास की बल्कि देश में 39वीं रैंक लेकर शहर जनपद और प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। जहां इस परीक्षा में सफलता में लोगों को कई वर्ष बीत जाते हैं लेकिन होनहार गरिमा ने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास करके माता पिता का गौरव बढ़ाया है। गरिमा के पिता विपिन नरूला प्राईवेट नौकरी करते हैं जबकि मां शारदा नरूला साधारण ग्रहिणी के साथ ही एक म्यूजिक टीचर भी हैं। माता पिता ने बेटी के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और हर कदम पर बेटी का साथ दिया। गरिमा के मामा यूपी में एक पीसीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2017 में उत्तरांचल दर्पण से इंटरव्यू के दौरान गरिमा ने कहा था कि वह अपने मामा से प्रेरणा लेकर ही सिविल सेवा में जाना चाहती हैं। मामा ने गरिमा को सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाने में पूरा मार्गदर्शन किया। गरिमा 2021 में हिंदू कालेज से बीए करने के बाद 2021 से यूपीएससी की तैयारी में जुट गयी थी। गरिमा ने अपनी पढ़ाई घर में रहकर ही पूरी की। इस दौरान आनलाइन जीएस की कोचिंग की। उन्होंने अपनी सफलता से यह भी साबित कर दिया कि सिविल सेवा में सफलता का पैमाना सिर्फ महंगी कोचिंग नहीं बल्कि अपनी मेहनत और सही ढंग से तैयारी करने से भी यह मुकाम हासिल किया जा सकता है। इस होनहार बेटी की सफलता पर आज पूरे परिवार में खुशी का माहौल हैं तो वहीं शहर वासियों को भी गरिमा पर गर्व है।