बड़ी खबर..22 लाख की नकली करेंसी बरामद,पांच- पांच सौ के नोटों की 98 गड्डियां के साथ शातिर गिरफ्तार

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मशीन, मॉनिटर, प्रिंटर, सीपीयू, पेपर कटर, एटीएम, मोबाइल फोन बरामद
रूद्रपुर/काशीपुर। एसओजी और काशीपुर थाना पुलिस ने मुखबिर की सटीक सूचना पर लगभग 22 लाख से अधिक की नकली करेंसी के साथ दो शातिर दिमाग जालसाजों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने अपने कार्यालय में ख्ुालासा करते हुए बताया कि पुराना ढेला पुल के पास काली मोटर साईकिल के साथ दो लड़के खड़े है जोकि नकली करेंसी नोटों का काम करते हैं। मुखबिर की सूचना पर एसओजी की टीम पुराने ढेला पुल की ओर रवाना हुई। इसके बाद पुलिस की टीमें पुराना ढेला पुल के पास पहुंची जहां बाइक पर बैठे दो युवकों को घेरकर पकड़ लिया। पकड़े गये पहले युवक ने अपना नाम राजेन्द्र सिंह उर्फ राजू पुत्र सतनाम सिंह निवासी बैराज कालोनी, मौहल्ला शक्तिनगर, बिजनौर, उत्तर प्रदेश बताया। उसकी तलाशी लेने पर पांच-पांच सौ रुपयो के नोटों की दो गड्डियां बरामद हुई। जोकि देखने से ही नकली लग रही थीे। पकड़े गये युवक की पिछली जेब से एक ड्राईविंग लाईसेंस, एक एटीएम कार्ड, एक श्रम कार्ड राजेन्द्र कुमार नाम से, एक केनरा बैंक का एटीएम, एक एटीएम कार्ड इंडियन ओवरसीज बैंक जोकि पूनम कौर के नाम से, एक मोबाईल फोन बरामद हुआ। वहीं, पीछे पेटी पकड़कर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम बूटा सिंह पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी भोगपुर, पो. बढ़ापुर, नगीना, बिजनौर बताया, उसकी पेंट की जेब से एक मोबाईल आईफोन तथा हाथ में पकड़ी गत्ते की पेटी में से पांच- पांच सौ के नोटों की 98 गड्डियां बरामद हुई जोकि नकली प्रतीत हो रही थीं। जिनकी कुल कीमत 22 लाख आठ हजार पांच सौ रुपये है। इतनी अधिक मात्र में नकली करेंसी नोट बरामद होने पर जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों युवकों ने बताया कि यह नोट हम खुद प्रिटिंग मशीन से छापते है और इस जाली करेंसी को भीड़ भाड़ वाले शहरों में असली के रुप में बेचकर आर्थिक लाभ कमाते हैं। आज हम इन जाली नोटों को काशीपुर क्षेत्र में असली के रुप में उपयोग करने व बेचने आये थे। उन्होंने बताया कि भोगपुर, थाना बढ़ापुर जिला बिजनौर में उनका सीएचसी सेंटर है, उसी में जाली नोट बनाने की प्रिटिंग मशीन आदि उपकरण रखे हैं। दोनों युवकों से पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी के बाद पुलिस उन दोनों युवकों को लेकर भोगपुर, बिजनौर पहुंचे और युवकों के द्वारा चलाये जा रहे जनसेवा केन्द्र में गये जहां मेज पर रखी जाली नोट मशीन बनाने की मॉनीटर लेनोवो कंपनी, एक प्रिंटर, मिनी सीपीयू, एक केबिल व एक पेपर कटर बरामद किया। बूटा सिंह के पास खड़े राजेन्द्र कुमार ने मेज की दराज को खोलकर उसमें से एक पेपर रिम कुल 100 अदद जो काले रंग की प्लास्टिक कवर में हैं तथा दराज से एक तरफ छपे हुये जाली नोट तथा बिना सीरियल नंबर अंकित नोट के पिछले सिरे के एक तरफ छपे हुये कुल 12 नोट तथा पूर्ण रुप से छपे हुये एक नोट तथा दो नोट बरामद कराये। जालसाजों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इसी आफिस में बैठ कर इन्हीं उपकरणों की मदद से वह जाली नोट बनाते है तथा कटिंग करने के उपरांत बचे अवशेष को हम रोज के रोज जला देते हैं। खुलासा करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी विजेन्द्र शाह, कोतवाल मनोज रतूड़ी,उपनिरीक्षक अशोक काण्डपाल, नवीन बुधानी, एसओजी के उपनिरीक्षक भुवन चन्द्र जोशी,हेड कांस्टेबल विनय कुमार, ललित कुमार, कांस्टेबल नीरज भोजन, राजेन्द्र कश्यप, खीम सिंह, दीपक कठैत, कैलाश तोमक्याल,प्रदीप कुमार, भूपेन्द्र आर्या, विरेन् रावत, गोकुल टम्टा, गणेश पाण्डे, पंकज बिनवाल,प्रेम कनवाल, नवीन शर्मा आदि शामिल थे।

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