बर्फवारी में श्रद्धालुओं के मददगार बन रहे उत्तराखंड पुलिस के जवान

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रूद्रप्रयाग। वृहस्पतिवार को केदारनाथ धाम में काफी बर्फवारी हुई थी, बर्फवारी व तापमान के शून्य से नीचे चले जाने के कारण जमी बर्फ व मार्ग इत्यादि में पाले की महीन सी पर्त जम जाती है, जो फिसलन भरी होती है, यह पर्त इतनी महीन होती है कि भले दिखती न हो परन्तु इसका असर खतरनाक होता है, क्योंकि यदि कोई इसमें फिसल गया तो ठीक ठाक चोट लगनी तय है, एक तो इतनी ठंड ऊपर से चोट लग जाये तो ये सब असहनीय हो जाता है। इसके दृष्टिगत आज पुलिस व एसडीआरएफ सहित डड्ढूटीरत कार्मिकों द्वारा श्रद्धालुओं को सहारा देकर धाम क्षेत्र में मन्दिर तक लाया जा रहा है। स्वयं पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत श्रद्धालुओं की मदद करने में जुटे हैं, साथ ही उनके द्वारा केदारनाथ धाम में रात्रि विश्राम कर रहे श्रद्धालुओं से संवाद स्थापित कर उनकी कुशलक्षेम पूछी जा रही है। श्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौटे दिल्ली के परमवीर सिंह ने अपने साथियों के साथ अपनी यात्र का अनुभव साझा करते हुए कहा कि केदारनाथ धाम बहुत ऊंचाई पर स्थित है, इसके बावजूद यहां पर्याप्त मात्र में सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद बहुत कम समय में यहां पर इतनी सुविधाएं मुहैया कराना बहुत बड़ी बात है। त्रिवेणी संगम प्रयागराज के विकास ने जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ दर्शन कराने में प्रशासन द्वारा हर तरह से सहयोग मिला है। दो दिनों की भारी वर्फबारी के बाद रास्ता काफी दुर्गम हो जाने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा पैदल रास्ते को सुचारु किया गया। इसके साथ ही रात में रहने के लिए उन्हें कैंप सुविधा के साथ ही गरम पानी की व्यवस्था भी उपलब्ध हुई। उन्होंने श्री केदारनाथ के सुगमता से दर्शन होने पर जिला प्रशासन का आभार जताया है। मध्य प्रदेश से आए तीर्थ यात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम की पैदल यात्र के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें यात्र के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। उन्हें बहुत आसानी से बाबा केदारनाथ के दर्शन हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर हैं जिससे उन्होंने बार-बार यहां आने की इच्छा जाहिर की।

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