गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के खुले कपाट,हॉलीकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा

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मुख्यमंत्री धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर लिया मां गंगा का आशीर्वाद
उत्तरकाशी(उद संवाददाता)। अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्र का विधिवत श्रीगणेश हो गया है। शनिवार को अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत हवन, पूजा- अर्चना, वैदिक मंत्रेच्चरण एवं धार्मिक रीति-रिवाज साथ खोले गए। गंगोत्री के कपाट 12ः35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12ः41 मिनट पर खुले। मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई। पुष्प वर्षा के साथ सीएम धामी ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और गंगा पूजन किया। पूजा-अर्चना के बाद विधिवत रूप से सीएम की मौजूद में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। गंगोत्री धाम की पूजा में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संकल्प लिया। जबकि यमुनोत्री धाम में उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार शामिल हुई। शनिवार को गंगोत्री धाम में करीब 8 हजार और यमुनोत्री धाम में करीब 5 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। बड़ी संख्घ्या में श्रद्धालु कपाट खोलने मुहूर्त के समय गंगोत्री धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया। इससे पूर्व सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रातः माँ यमुना की डोली के श्री यमुनोत्री धाम प्रवास हेतु ग्राम खरसाली से शुभ प्रस्थान के अवसर पर कार्यक्रम में शिामल हुए और पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की। गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए। शुक्रवार को चारधाम यात्र औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्र का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।मुखबा गांव की महिलाओं ने फूल बरसाकर मां गंगा की डोली को विदा किया। इसके बाद तीर्थपुरोहित व श्रद्धालु मां गंगा की डोली के साथ मुखबा से जांगला तक पगडंडी से 7 किमी तक पैदल चलकर गंगोत्री हाईवे पहुंचे। उसके बाद सड़क मार्ग से पैदल भैरो घाटी पहुंचे। यहां भैरो मंदिर में मां गंगा की डोली ने रात्रि विश्राम किया। आज शनिवार सुबह मां गंगा की डोली 8 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई और अक्षय तृतीया पर दोपहर 12ः13 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। उत्तराखंड में शनिवार को गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही प्रारंभ होने जा रही चारधाम यात्र को लेकर धामी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस कड़ी में चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। धामों में दर्शन को संख्या निर्धारित करने को लेकर तीर्थ पुरोहितों के साथ ही चारधाम यात्र मार्गों से जुड़े कारोबारियों के मध्य से विरोध के सुर उठ रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने यात्र शुरू होने से एक दिन पहले यह कदम उठाया है। धामों में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए टोकन व्यवस्था लागू रहेगी। चारधाम यात्र के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। उधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से 2200 यात्रियों के पहले जत्थे को गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए रवाना किया। प्रदेश की आर्थिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चारधाम यात्र को लेकर सरकार फरवरी से ही तैयारियों में जुट गई थी। चारों धामों की यात्र के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। 21 फरवरी से आनलाइन पंजीकरण खोले गए हैं। अब तक 16 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी थी। बदरीनाथ में प्रतिदिन 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9500 व यमुनोत्री में 5500 प्रतिदिन की संख्या तय की गई थी। कुछ समय पहले तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्र मार्गों से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस सीमा को हटाने का आग्रह किया था।

 

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