कांता रानी सुखीजा के निधन पर शोक संवेदना का सिलसिला जारी
रूद्रपुर। उत्तरांचल दर्पण के संपादक परमपाल सुखीजा की माताजी श्रीमती कांता रानी सुखीजा के निधन पर शोक संवेदना का सिलसिला जारी है। गत सांय श्हर के वरिष्ठ चिकित्सकों, भाजपा नेताओं और तमाम समाजसेवियों ने निवास पर पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की और परिवार को ढांढस बंधाया। बता दें बीती 10 अप्रैल को उत्तरांचल दर्पण के संपादक परमपाल सुखीजा की माताजी श्रीमती कांता रानी सुखीजा का लम्बी बिमारी के चलते निधन हो गया था। निधन के बाद से ही श्री सुखीजा के घर पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा है। दिवंगत कांता रानी सुखीजा की आत्मिक शांति के लिए रस्म पगड़ी तेरहवीं का कार्यक्रम 22 अप्रैल दोपहर को पांच मंदिर में होना है। बीती शाम शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ हिमांशु बंसल, डॉक्टर अनुपमा बंसल, डॉ नारायण अदलखा के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल चौहान,उत्तम दत्ता,चंद्रसेन कोली, समाजसेवी हरिओम कक्कड़, हरीश पसरीचा, सचिन अरोरा,विजय कुमार, राकेश सिंह, भूषण कुमार, गोविंद राम, अमित कुमार श्रीमती विमला पसरीचा,लीला आहुजा, कृष्णा तनेजा, सुनीता रानी, सोनिया सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक संस्थाओं से जुड़े दर्जनों लोगों ने घर पहुंचकर श्रीमती कांता रानी सुखीजा के निधन पर शोक व्यक्त किया और परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान समाजसेवियों ने कहा कि कांता रानी सुखीजा एवं धार्मिक और सरल स्वभाव की महिला थी और धार्मिक कार्यों में हमेशा अग्रणी रहती थी। उन्होंने अपने बच्चों को संस्कारों की शिक्षा दी थी जिसकी बदौलत ही सुखीजा परिवार ने उत्तरांचल दर्पण समाचार पत्र को आज इतने बड़े मुकाम पर पहुंचाया।