कार्बेट टाईगर पार्क में जंगल सफारी से रोमांचित हुए विदेशी डेलिगेट्सःबाघ,पक्षी और हाथी देखे
ऊधमसिंहनगर/रामनगर। जी- 20 सम्मेलन में शामिल होने आए 34 विदेशी व 23 भारतीय मेहमानों ने गुरुवार की सुबह कार्बेट पार्क के बिजरानी जोन की सफारी की। तीन जिप्सियों के मेहमानों ने मचानचौड़ व चीतल रोड पर बाघ, हाथी और चीतल देखे। 20 जिप्सियों से 57 मेहमान सफारी के लिए पहुंचे थे। मेहमानों ने जंगल के सुंदर नजारों को मोबाइल में कैद कर यादों के रूप में अपने साथ सहेजकर ले गए। कार्बेट पार्क के बिजरानी जोन में मेहमान सुबह साढ़े छह बजे सफारी के लिए गए। उन्होंने अधिकारियों से नम्रतापूर्वक नमस्ते किया। सभी मेहमानों को महिलाओं ने टीका लगाया। बिजरानी में सफारी के लिए पांच रुट बनाए गए थे।प्रातः दस बजे मेहमान बिजरानी जोन में सफारी के बाद बाहर वापस लौट आए। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, निदेशक डा- धीरज पांडे, पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी, आइजी नीलेश आनंद भरणे, रेंजर संजय पांडे, रेंजर बिंदर पाल, रेंजर ललित मोहन आर्या मौजूद रहे।बिजरानी जोन के वन विश्राम गृह परिसर में मेहमानों को कार्बेट पार्क द्वारा प्रदर्शनी के जरिए विभिन्न जानकारी दी गई। विभाग की पालतू हथिनी लक्ष्मी, अलबेली का भी वन्य जीव संरक्षण में महत्व बताया। सीटीआर निदेशक धीरज पांडे ने मेहमानों को कार्बेट की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों, मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम, ईको विकास समिति के कार्यों, वन्य जीव संरक्षण से ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने, पार्क से नेचर गाइड, जिप्सी मालिक, चालक आदि को रोजगार देने के बारे में बताया। विदेशी मेहमानों ने बिजरानी की जंगल सफारी की व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर द्वारा वन्यजीव संरक्षण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली गई। विदेशी मेहमानों को वन्य जैव विविधता, वनों का नैसर्गिकता व वन्य जीवों का संरक्षण की महत्ता से विदेशी मेहमानों को अवगत कराना अपने आप मे महान अवसर है। बिजरानी रेंज में कुमाऊँदप संस्कृति में सीटीआर द्वारा विदेशी मेहमानों का स्वागत किया गया। जंगल सफारी में वन की जैव विविधता के साथ ही उसकी शुद्धता को देख मेहमान प्रसन्न हुए। सफारी के दौरान उन्हें बाघ, हाथी, सांभर,हिरन , मोर व अन्य जीव को नग्न आखों से जंगल के बीच देखने का मौका मिला। सफारी से वापसी के दौरान वनविभाग द्वारा वन्यजीव बचाव व पुनर्वास में प्रयोग की जाने वाली तकनीक की जानकारी दी गई। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर सीटीआर के प्रयासों से गठित स्थानीय इको डेवेलपमेंट समिति(मकब) के सदस्यों से मिलाया गया व बताया किस प्रकार ईडीसी द्वारा स्थानीय सहभगिता से वनों को संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। गाइड्स के साथ सफारी पर गए मेहमानों ने हर चीजों के बारे में उत्सुकता जानकारी ली। गाइड भी उनकी हर जिज्ञासाओं का समाधान करते रहे। नदी, नाले पहाड़ व जंगल की सुंदरता देखकर मेहमान इतने अभिभूत हुए कि वह बार बार वाओ बोलते नजर आए। मेहमान कार्बेट के मनोहारी दृश्यों की सुंदरता की तारीफ करते रहे। मेहमानों ने चालकों व गाइड्स के अनुभव व जानकारी की सराहना भी की। कार्बेट पार्क के बिजरानी पर्यटन जोन में विदेशी मेहमानों को सकुशल सफारी कराने के पीछे निदेशक धीरज पांडे, उनके अधीनस्थ अधिकारी पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी, रेंजर संजय पांडे, रेंजर बिंदर पाल, रेंजर ललित आर्या व अन्य स्टाफ की रात- दिन की मेहनत काम आई। फरवरी के अंतिम सप्ताह में जी- 20 सम्मेलन के मेहमानों को कार्बेट पार्क में सफारी की जिम्मेदारी मिली तो इसे सकुशल संपन्न कराना चुनौती से कम नहीं था। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा के निर्देशन में सीटीआर के निदेशक धीरज पांडे ने मेहमानों की सफारी के लिए रूपरेखा बनानी शुरू कर दी। बड़ी चुनौती मेहमानों के लिए पर्यटन जोन तय करने की थी। क्योंकि सभी पर्यटन जोन में पर्यटकों की सफारी की बुकिंग थी तथा मेहमानों को सफारी के बाद वापस दिल्ली भी लौटना था। ऐसे में उनके लिए नजदीकी बिजरानी को सफारी के लिए चुना गया। बिजरानी के पर्यटकों को अन्य जोन में शिफ्रट किया गया। मेहमानों के लिए 50 जिप्सी चालकों एवं 200 अनुभवी, भाषा व वाइल्डलाइफ के जानकार गाइड एवं जिप्सी चालक चिन्हित किए गए। इसके बाद पुलिस सत्यापन, जिप्सी की तकनीकी जांच समेत कई जांच हुई। चालक व गाइड का प्रशिक्षण के बाद कई बार रिहर्सल भी हुए। सीटीआर निदेशक धीरज पांडे बताते हैं कि टीम वर्क से यह सब हो पाया। जो लोग अपने देशों के पालिसी मेकर है, उन्हें हमारे अनुभवी गाइड्स व चालकों ने बेहतर जानकारी उपलब्ध कराई। यह हमारे के लिए खुशी की बात है। मेहमानों को सफारी कराने वाले चालकों व गाइड्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। विदेशी मेहमानों को मड़ुवे के बिस्कुट बहुत भाए। उन्होंने बिस्कुट की पूरी जानकारी भी केएमवीएन कर्मियों से ली।गुरुवार की सुबह विदेशी मेहमान बिजरानी जोन में सफारी के लिए पहुंचे थे। यहां पर उनके नाश्ते की व्यवस्था केएमवीएन ने की थी। मेहमानों के नाश्ते में प्रसिद्व बाल मिठाई व मड़ुवे के बिस्कुट भी थे। बुरांश का जूस भी था। मेहमानों को मडुवे के बिस्कुट बहुत पंसद आए। जिसके बाद उन्होंने उसके बारे में केएमवीएन के कर्मियों से पूछा। कर्मियों ने बताया कि पहाड़ी मंड़ुवा कैल्शियम से भरपूर होता है। प्रदेश सरकार ने मंड़ुवे का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी घोषित किया है। जी-20 सम्मेलन के बाद 17 देशों के मेहमान सड़क मार्ग से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामनगर से रुद्रपुर होते हुए पंतनगर पहुंचे। तीन दिवसीय जी-20 सम्मेलन के बाद गुरुवार को विदेशी मेहमान सड़क मार्ग से बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर होते हुए पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे। इसे देखते हुए गुरुवार सुबह से ही पंतनगर से बाजपुर गड्प्पू तक पुलिस कर्मी डयूटी प्वाइंट पर मुस्तैद रहे। इसके लिए 15 सीओ, 21 निरीक्षक, पांच ट्रैफिक निरीक्षक, सात टीएसआइ, 100 एसआइ के साथ ही 65 एएसआइ, 240 हेड कांस्टेबल, 225 कांस्टेबल, 50 ट्रैफिक पुलिस, तीन पीएसी कंपनी की डड्ढूटी लगाई गई थी।