पुलिस ने बरामद किया अंजलि का सुसाइट नोट: पैसे मांगने आते थे लोग,लोकल पुलिस ने नहीं किया सहयोग!

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पुलिस ने घटनास्थल पर बारीकी से मुआयना किया,रसोई में राशन के बर्तन खाली पड़े थे
कपकोट (उद संवाददाता)। बागेश्वर जनपद के जोशीगांव (घिरौली) मां और तीन बच्चों के शव घर के अंदर मिलने की गुत्थी सुलझ गई है। घटनास्थल से मिले एक सुसाइड नोट ने चारों की मौत का राज खोल दिया। शनिवार को पुलिस ने दोबारा घटनास्थल की जांच की तो वहां एक छह पन्नों का सुसाइड नोट मिला। जो मृतका की बेटी अंजली ने लिखा था। एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया कि बच्ची ने सुसाइड नोट में मौत का कारण आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानी बताया है। उसमें लिखा था कि लोग उनके पिता द्वारा लिए गए पैसे मांग रहे हैं। कई लोग तो घर तक आ जाते हैं। खाने के लिए भी राशन नहीं है। जिस वजह से हम परेशान हैं। परिवार के मुिऽया भूपाल राम के िऽलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का केस पंजीकृत है। पुलिस के अनुसार, वह कई लोगों से ठगी कर चुका था। इसी कारण लोगों और पुलिस से छुपता-छुपाता था। बता दें कि मूल रूप से कपकोट के भनार गांव निवासी भूपाल राम का परिवार इस मकान में किराये पर रहता था। बृहस्पतिवार को मकान के भीतर भूपाल राम की पत्नी नीमा देवी (40), पुत्री अंजलि (14), पुत्र कृष्णा (8), पुत्र भाष्कर (5-6 माह) के सड़े गले शव बरामद हुए थे। सबसे पहले घटना की सूचना मकान मालिक गोविंद सिंह को प्लंबर राजेंद्र सिंह भाकुनी ने दी थी। पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की। पुलिस की छानबीन में कमरे से सल्फास जैसी गोलियां बरामद हुई थीं। गोलियों को जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जहरीले पदार्थ के बारे में स्थिति साफ हो पाएगी। पुलिस ने घटनास्थल पर किचन का बारीकी से मुआयना किया। रसोई में राशन के बर्तन खाली पड़े थे। आटा, चावल, तेल आदि कुछ भी सामग्री रसोई में नहीं थी। गैस का चूल्हा तो था, लेकिन सिलिंडर नहीं था। यानि कि परिवार के पास न तो ऽाने के लिए राशन था, न भोजन बनाने का साधन। पोस्टमार्टम में मृतकों के शव एक सप्ताह पुराने होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल में शामिल डॉ- राहुल मिश्रा ने बताया कि शव करीब एक सप्ताह से पुराने हैं। यानी कि चारों की मौत होली के आसपास या होली के बाद हुई है। पैनल में शामिल डॉं- राहुल मिश्रा ने बताया कि शव सड़े-गले होने के कारण मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। मृतकों का बिसरा, आंत और कुछ अन्य हिस्से फॉरेंसिक जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों के शरीर में कीड़े पड़ने के कारण चेहरा भी विकृत हो गया था। बिसरा और अन्य रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएगा।

एसएचओ लाइन हाजिर: कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी जांच
बागेश्वर(उद संवाददाता)। पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि जोशीगांव में गोविंद बिष्ट के मकान में किराये पर रह रहे भूपाल राम पुत्र हरीश राम, निवासी भनार, घटबगड़ की पत्नी नंदी देवी, बेटी अंकिता, बेटा कृष्णा और भावेश की संदिग्ध मौत हो गई थी। कमरे दोनों अंदर से बंद थे। शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। बिसरा जांच के लिए भेजा गया है। घर की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला। जिसे कक्षा आठ में पढ़ रही मृतका अंकिता ने लिऽा था। आर्थिक तंगी और देनदारी से परिवार परेशान था। पत्रकार वार्ता में एसपी ने कहा कि भूपाल राम के घर लोग पैसा मांगने घर आ रहे थे। मृतका छात्र ने लिऽे सुसाइट नोट में परिवार मानसिक रूप से परेशान था लोगों द्वारा ठगी करने की रकम वापस करने को लेकर आए दिन मानसिक रूप से परेशानी होना, आर्थिक रूप से तंगी और सामाजिक प्रतिष्ठा का हरास होना, परिवार के भरण पोषण में समस्या होना, भी कारण सामने आया है। सुसाइड नोट में लिऽा है कि लोकल पुलिस ने सहयोग नहीं किया। जिसमें घर आकर पैसा मांगने वाले कुछ लोगों के नाम भी लिऽे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट का अवलोकन करने के लिए टीम बना दी गई है। सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाने के लिए अंजलि की कापी भी ली गई है। जिसकी जांच राइटिंग एक्सपर्ट से भी कराई जाएगी। पुलिस का सहयोग नहीं मिलने पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विवेचना कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है। मामले में लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है। विवेचना में अन्य तथ्य सामने आने अग्रिम कार्रवाई होगी। एसपी ने कहा कि भूपाल राम को कांडा के चुचेर गांव से पुलिस लेकर आई है। उससे पूछताछ की जा रही है। रीमा निवासी नीमा देवी के विरुद्ध धारा 306 यानी आत्महत्या को प्रेरित करने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस दौरान सीओ अंकित कंडारी आदि उपस्थित थे।

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