दुकानें तोड़ने के बाद मलवा हटाने में जुटा प्रशासन
रूद्रपुर । रोडवेज के सामने जिस मार्केट पर कुछ दिन पहले तक रौनक नजर आती थी। आज वहां मलवे के ढेर लगे हैं। प्रशासन मलवे को हटाने के अभियान में युद्ध स्तर पर जुटा है। मलवा हटाने के लिए दर्जनों ट्रालियां लगायी गयी हैं। साथ ही पीड़ित व्यापारी भी अभी तक मलवे से अपने काम काम सामान समेटने में लगे हैं। जी-20 सम्मेलन की तारीख जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे सरकारी मशीनरी और भी एक्टिव होती जा रही है। रामनगर में 28 से 30 मार्च तक होने जा रही जी-20 समिट की पहली बैठक के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है। बताया जाता है कि प्रशासन को सभी तैयारियां 25 मार्च तक पूरी कर लेनी है। इसके लिए अब तैयारियां और तेज कर दी गयी है। विदेशी मेहमानों के स्वागत की तैयारियों में देरी ना हो इसी लिए बीते शुक्रवार को प्रशासन ने भारी लाव लस्कर के साथ कुछ ही घंटों में एक दर्जन से अधिक जेसीबी मशीनों के साथ डीडी चौक से इन्द्रा चौक तक करीब 150 दुकानों को मलबे के रूप में तब्दील कर दिया। हालाकि कल दोपहर तक भी यह तय नहीं था कि समोसा मार्केट भी हटायी जायेगी। लेकिन दोपहर बाद प्रशासन ने डीडी चौक से अग्रसेन चौक तक लगने वाली दशकों पुरानी समोसा मार्केट को भी जेसीबी मशीनों की मदद से ध्वस्त कर दिया। समोसा मार्केट को हटाने के लिए कुछ घंटे पहले ही फरमान सुनाया गया। अचानक कार्रवाई से समोसा मार्केट के दुकानदार सकते में आ गये उन्होंने आनन फानन में दुकानों में रखा सारा सामान खाली किया। जिन लोगों की दुकानें तोड़ी गईं उनमें राधेश्याम गुप्ता, बृजेश गुप्ता, महेन्द्र सिंह, विजय गुप्ता, जसवीर सिंह, सुभाष मालाकार, चिरोंजी लाल गंगवार, महेन्द्र गंगवार, देवेन्द्र सिंह बोरा, श्याम सुंदर लाल, कलीम, मोनी जल्होत्र, भगवानदास, नरेश पाल, जुल्फिकार, सोनू मदान, केदार नाथ, नीलू, गणपति सहित अन्य कई दुकानदारों की दुकानें शामिल हैं। कुछ समोसा मार्केट के कुछ दुकानदारों ने बताया कि उनके दादाजी ने इस दुकान में दशकों पूर्व समोसे का कारोबार शुरू किया था। जो उनकी पीढ़ी आगे बढ़ा रही थी लेकिन कल अधिकारियों ने उनका दशकों पुराना रोजगार पूरी तरह से समाप्त कर दिया। जिससे उनके समक्ष रोजी रोटी कमाने का संकट आ खड़ा हुआ है। वहीं नेहरू मार्केट में समोसे के कारोबार के अतिरिक्त चाय, पेंटिग, टॉयर, मोबाईल, जूस, बाईक रिपेयरिंग, वेल्डिंग के भी कई कारोबारी काम कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। ऐसे दुकानदारों व उनके परिजनों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हांलाकि व्यापारी व राजनैतिक नेता उजाड़े गये दुकानदारों के पुर्नस्थापन को लेकर संघर्ष करने की बात तो कह रहे हैं परंतु उन्हें इसमें कब सफलता मिलेगी यह कहना संभव नहीं है। इसलिए उजाड़े गये दुकानदारों को स्वयं ही स्थाई अथवा वैकल्पिक व्यवस्था करने को मजबूर होना पड़ेगा। दुकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी होने के बाद आज मलवा हटाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया। प्रशासन ने मलवा हटाने के लिए करीब एक दर्जन ट्रªैक्टर ट्रालियां व भारी संख्या में मजदूर लगाये हैं। इसके साथ ही बाउंड्रीवाल बनाने का काम भी शुरू हो गया है। वहीं पीड़ित दुकानदार भी अपने काम का सामान मलवे के बीच से समेटने में लगे हुए हैं। बताया जाता है कि जी-20 की तैयारियां प्रशासन को 25 मार्च तक हर हाल में पूरी कर लेनी है। जिसके लिए प्रशासन ने काम तेज कर दिया है। बताया जा रहा है कि जहां से दुकानें हटायी गयी है ंवहां पर एक सप्ताह के भीतर अस्थाई सड़क बनकर तैयार हो जायेगी बाद में इसे स्थाई रूप से बनाया जायेगा। इसके अलावा सड़क के किनारे पेंटिंग युक्त चाहरदिवारी के साथ ही हरियाली भी नजर आयेगी। नगर निगम की ओर से चाहरदिवारी बनाने का काम भी शुरू हो गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाद में सड़क का एक बार फिर चौड़ीकरण होगा जिसमें गांधी पार्क कुछ हिस्सा भी लिया जायेगा। जबकि दूसरी तरफ भी चौड़ीकरण के लिए जी-20 सम्मेलन के बाद दुबारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जायेगी।
अब विश्वकर्मा मार्केट के व्यापारियों की धड़कनें हुई तेज
रूद्रपुर । प्रशासन द्वारा गत दिवस एक ही दिन में दो सौ से अधिक दुकानों को ध्वस्त कर देने के पश्चात से अतिक्रमण की जद में आ रही किच्छा बाईपास मार्ग पर डीडी चौक के पास रोड़वेज की चाहरदीवारी के आगे स्थित विश्वकर्मा मार्केट तथा रोड़वेज के पास स्थित सुपर मार्केट के दुकानदारों की धड़कनें काफी तेज हो गई हैं। प्रशासन के तेवरों को देखते हुए उन्हें अब यह साफ दिखाई देने लग गया है कि उनकी दुकानें कभी भी पीले पंजे की चपेट में आ सकती हैं। जिसे देखते हुए अधिकांश दुकानदारों ने दुकान में रखा अपना सारा सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। प्रशासन इन दुकानों की ओर कब तिरछी नजर करेगा यह अभी निर्धारित नहीं है। परंतु गत दिवस का मंजर देख ऐसे सभी दुकानदारों के दिलों में दिन रात खौफ बना हुआ है। जहां तक विश्वकर्मा मार्केट के टूटने का प्रश्न है तो इसके लिए प्रशासन पहले भी कई बार प्रयास कर चुका है। परंतु राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण प्रशासन अपने काम को अंजाम नहीं दे पाया। परंतु अब पस्थितियां काफी बदली सी दिखाई दे रही हैं। अधिकारी वर्ग व्यापारियों पर पूरी तरह से हावी हो चुका है। वहीं विरोध के स्वर दबाने के लिए अधिकारियों द्वारा बनाई गई रणनीति भी पूरी तरह से कामयाब हो चुकी है। ऐसे में प्रशासन यहां कभी भी अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर सकता है। क्योंकि निर्माणधीन रोडवेज भवन का कार्य काफी तेजी से हो रहा है। कार्यदाई संस्था द्वारा भी प्रशासन से रोड़वेज के आगे अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार आग्रह किया जा चुका है। साथ ही ऐसे सभी दुकानदारों को पूर्व में स्वयं अतिक्रमण हटाने के नोटिस भी दिये जा चुके हैं। अब देखना है प्रशासन यहां कब अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है। इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।