सीएम से वार्ता के बाद बेरोजगार संगठन का आंदोलन समाप्त ?

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देहरादून । बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने के बाद राज्य सरकार ने पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराए जाने और राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि). ने नकलरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी के साथ ही शनिवार सुबह सीएम से वार्ता के बाद बेरोजगार संगठन का आंदोलन समाप्त हो गया है। हांलाकि उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सरकार से वार्ता की खबरों को बेबुनियाद बताया है। यह उनका निजी शिष्टमंडल था। शनिवार सुबह बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर वार्ता की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई है। वार्ता सकारात्मक रही। हमारी सरकार निष्पक्ष, नकल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है। देश का सबसे कड़ा नकघ्ल विरोधी कघनून उत्तराखंड राज्य में लागू हो गया है। कल होने वाली पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा को शांति पूर्ण,निष्पक्ष और नकल विहीन कराने के लिए समस्त तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए निःशुल्क परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कल की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले सभी अभ्यर्थियों के उज्वल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। बता दें 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी-लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है। हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती। कहा गया कि आंदोलनकारी युवाओं की मांग थी कि पटवारी भर्ती का प्रश्नपत्र बदला जाए। आयोग पहले ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर नए प्रश्नपत्र तैयार कर चुका है। नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। इसलिए अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं।

सरकार से वार्ता की खबरों को आईटी सेल की हरकत बताया
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सरकार से वार्ता की खबरों को बेबुनियाद बताया है। यह उनका निजी शिष्टमंडल था। सोशल मीडियो पर जारी एक संदेश में बताया गया है कि सरकार और उनके षडयंत्र की पोल खुल चुकी है । वार्ता की खबरों को खजान सिंह राणा ने खंडन किया हैं। सरकार के आईटी सेल की इस हरकत से माहौल और खराब हो जायेगा।यह उनका निजी शिष्टमंडल था। सभी साथियों से अनुरोध है फिलहाल शांति बनाएं रखें। इससे यह भी संदेह पैदा हो गया है कि पथराव करवाने वाले सरकार के ही लोग थे और सरकार का ही पूरा षड्यंत्र था बेरोजगार युवाओं पर बर्बरता करने का और इस राज्य के माहौल को खराब करने में पूरी तरह सरकार का हाथ है इससे यह स्पष्ट हो रहा है।  सरकार शासन प्रशासन मिलकर हमारे साथियों को शहीद स्मारक में नजरबंद कर दिया है किसी को भी बाहर से भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। समझ नहीं आ रहा है कि हमारा देश सच में आजाद हो चुका है और हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
जहां शांतिपूर्ण तरीके से भूखे प्यासे युवा अपने भाइयों के लिए उनकी रिहाई के लिए बैठे हुए हैं मांगे पूरी होते ही प्रशासन को जरूरत नहीं पड़ेगी किसी पर भी दबाव बनाने की । सभी खुद इतने समझदार हैं कि खुद वहां से हट जाएंगे।

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