दुल्हन की तरह सज रही बागनाथ नगरीःउत्तरायणी मेले में कुमाऊंनी, गढ़वाली और स्टार कलाकार बिखेरेंगे संस्कृति की छटा
बागेश्वर । उत्तराखंड में सीमांत जनपद बागेश्वर का प्रसिद्ध उत्तरायणी मेले को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन और मेला समिति की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। मेले को भव्य बनाने के लिए डीएम अनुराधा पाल ने प्रशासनिक व्यवस्था को मेले को अत्याधुनिक बनाने के लिए कोई कसर नही छोड़ने का उत्कृष्ट प्रयास किया है।
ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व रखने वाले उत्तराखंड का प्रमुख सीमावर्ती जनपद बागेश्वर स्थिति सरयू और गोमती नदी के पावन संगम बगड़ में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्तरायणी पर्व की तैयारियांे को पूर्ण किया जा चुका है। नगर पालिका द्वारा नगर को साफ रखने के साथ ही सौंदर्यीकरण के तहत विविध् कार्य किए जा रहे हैं। उत्तरायणी मेले की तैयारियों को लेकर नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। वहीं डीएम अनुराध पाल और मेलाध्यक्ष सुरेश खेतवाल लगातार मेले की भव्यता को लेकर प्रयास कर रहे हैं। मेले को भव्यता दिलाने के लिए लोनिवि, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों को नगर को सजाने संवारने के निर्देश दिए है,वही डीएम की विशेष पहल से दिल्ली से आए प्रशिक्षित पेंटरों द्वारा रंगरोधन कर मेले को चार चांद लगा दिया है। लोग मेले का प्रमुख आकर्षण देखकर गदगद है।डीएम अनुराराधा पाल ने बताया कि मेला विश्व पटल पर ऐतिहासिक बनाया जाएगा। वही मेलाध्यक्ष भी अपने कार्यकाल के अंतिम मेले को भव्य बनाने में जुटे है।एक ओर कुमाउनी-गढ़वाली स्टार कलाकार, सांस्कृतिक दल संस्कृतिक के रंग बिखेरेंगे, वहीं महाआरती, दीपोत्सव के साथ ही पहली बार भव्य लेजर शो, दंगल जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। वी- वायरस आर्ट स्टूडियों प्रायोजकों के माध्यम से मेगा स्टार पंजाबी गायक जस्सी गिल व बब्बल राय भी अपनी प्रस्तुति देंगे। जिससे स्थानीय लोंगो का भरपूर मनोरंजन होगा, वहीं संगीत के क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहें युवा प्रोत्साहित होंगे। जिलाधिकारी अनुराधा पाल द्वारा निजी स्तर पर लगातार मेले को भव्य बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।डीएम ने देर शाम मेला स्थल पहुँचकर मेले की तैयारियों का जायजा लिया। वही मेले को लेकर डीएम के विशेष पहल की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। डीएम के प्रयासों से ही वी- वायरस आर्ट स्टूडियों बाहरी कंपनियों से प्रायोजित कराकर इस बार उत्तरायणी मेले में 15 जनवरी को पंजाबी स्टार गायक जस्सी गिल व बब्बल राय का मेगा नाइट आयोजित की जा रही है, जो सराहनीय कार्य है। जिला प्रशासन और मेला समिति मेगा स्टारों को सिर्फ मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रायोजक टीम उत्तरायणी मेले में बुलाने के लिए हंसराज रघुवंशी, जुबिन नौटियाल, पवनदीप राजन से संपर्क किया, मगर उनका समय नहीं मिल पाया। जिलाधिकारी ने वी-वायरस टीम का उत्तरायणी मेले मे स्टार नाइट प्रायोजित कराने के लिए आभार व्यत्तफ किया। उन्होंने कहा कि हमारे युवा भी इससे सीख लें। अपनी कंपनी बनाकर बडी-बडी कंपनियों से समन्वय करते हुए बडे कलाकारों से संपर्क स्थापित कर ऐसे मेगा-शो प्रायोजित कराकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं। डीएम ने अधिकारियों को बड़ी स्क्रीन में लेजर शो को पहाड़ी में लगाने के निर्देश दिए। डीएम ने मेले के उचित व्यवस्था मेला स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर अधिकारियों और पालिकाध्यक्ष से जानकारी ली। मेले को भव्य बनाने के लिए कोई कोरकसर ना छूटे इसके लिए मेलाधिकारी और अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारियों को निभाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल, सीडीओ सजंय सिंह, अपरजिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, सीओ शिवराज सिंह राणा, डीडीओ संगीता आर्या, तहसीलदार दीपिका आर्या,सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
हाईकोर्ट ने दिए उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी में गंदगी को रोकने के निर्देश
नैनीताल/बागेश्व। बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की ने उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी बागेश्वर में दुकानों का वेस्ट सरयू नदी में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने डीएम बागेश्वर को निर्देशित किया है, कि नदी में इस तरह की गतिविधियां कतई न हों। इसे प्राथमिकता से देखा जाए।खंडपीठ ने राज्य सरकार, जिलाधिकारी व पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार है। याचिका में कहा गया है कि बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद बागेश्वर व जिला प्रशासन की ओर से किया जाता है। नगर पालिका की ओर से सरयू नदी के तट पर सभी प्रकार की दुकानें आवंटित की जाती हैं। जिसमें खाने व मीट की दुकानें भी शामिल हैं। मीट की दुकानों का सारा वेस्ट सरयू नदी में डाला जा रहा है। जिससे नदी प्रदूषित हो रही है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है, कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी स्थित हैं। जिससे लोगो की धार्मिक भावनाओं का उलंघन भी किया जा रहा है। इसको रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों की ओर से कई बार जिला प्रशासन व नगर पालिका को प्रत्यावेदन दिया गया। लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्यवाही अबतक नहीं की जा सकी है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है, कि इसपर रोक लगाई जाए जिससे नदी प्रदूषित न हो। वही उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला प्रशासन चैकन्ना हो गया है, डीएम ने सभी अधिकारियों को नदी में स्वच्छता बनाने के लिए विशेष पहल करने के निर्देश दिए है, उन्होंने सख्त लहजे में किसी प्रकार की कोताही नही बरतने के भी निर्देश दिए है।