जोशीमठ में होटल तोड़ने आई टीम का विरोध,होटल स्वामी और ग्रामीणों ने जमकर काटा हंगामा
ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं,भवनों को तोड़ने पर मुआवजा देने की मांग
चमोली । जोशीमठ में चिंताजनक होते जा रहे हालातों के बीच दो होटलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गयी है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को होटल स्वामी और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। इस दौरान गुस्साए लोगों की कोतवाल से जमकर नोंक झोंक हुयी। बता दें सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था, जिसके बाद इन होटलो ंसे अन्य घरों को नुकसान की संभावना को देखते हुए दोनों होटलों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया। करोड़ों की लागत से बने इन दोनों होटलों को ढहाने के लिए सुबह से ही तैयारी शुरू हो गयी। दरअसल भूधंसाव में इन दोनों होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है और इनका कभी भी गिरने का खतरा बना हुआ है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने से पहले मंगलवार को प्रशासन लगातार मुनादी कराता रहा। प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर लोगों को वहां से हटने के लिए कहा। वहीं, लोगो को सतर्क किया गया कि कार्रवाई के बीच अनावश्यक ना आएं। भवनों को गिराने के लिए किसी भी तरह के विस्फोटकों की मदद नहीं ली जा रही है सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिरा रही है। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जा रही है।केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में पहले मलारी इन होटल को गिराने की कार्रवाई शुरू गयी। इसके लिए 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक लगाए गए हैं। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होने से पहले जब पुलिस होटल स्वामी और ग्रामीणों को वहां से हटाने के लिए पहुंची तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस पर धमकाने और गुण्डागर्दी का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना था कि चाहे उन्हें गोली मार दो लेकिन होटल नहीं तोड़नें देंगे। इस दौरान ग्रामीणों की कोतवाल के साथ जमकर नोंक झोंक हुयी। प्रभावित लोग किसी भी हालत में घर छोड़ने को तैयार नहीं है। उधर व्यापार मण्डल ने होटलों के ध्वस्ती करण पर नाराजगी व्यक्त की है। व्यापार मंडल का कहना है कि पहले इन दोनों होटलों का मूल्यांकन होना चाहिए। उसके बाद ही होटल का ध्वस्तीकरण होना चाहिए। वहीं होटल मलारी इन के स्वामी ठाकुर सिंह राणा ने भी सरकार के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें होटल तोड़ने की कोई सूचना नहीं दी और ना ही कोई नोटिस दिया गया। सालों पहले करोड़ों रुपये की लागत से होटल बना था। यह उनकी आजीविका का साधन है। सरकार अगर होटल गिराना चाहती है तो मुआवजा भी दे। उन्होंने कहा कि वह होटल नहीं तोड़ने देंगे चाहे उन पर बुल्डोजर चला दें। भवनों को ढहाए जाने के लिए चल रही जद्दोजहद के बीच मंगलवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्टð जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने सेना और आईटीबीपी मुख्यालय जाकर वहां के हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। रक्षा राज्य मंत्री आर्मी कैंप का निरीक्षण करने के बाद प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से लोगों को निकालने में हर संभव मदद करेगी। अजय भट्ट ने कहा कि जोशीमठ के हालातों पर केन्द्र सरकार की पूरी नजर है। राज्य सरकार भी इस मामले को लेकर गंभीर है। जोशीमठ को बचाने के लिए जो भी करना पड़ेगा वो किया जायेगा।