आखिर गांधी पार्क की उपेक्षा क्यों कर रहे जनप्रतिनिधि ?
शहर के विशाल एकमात्र गांधी पार्क के प्रति मेयर, विधायक और सांसद दिखा रहे उपेक्षापूर्ण रवैया
रुद्रपुर। शहर का एकमात्र विशाल गांधी पार्क आज जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते उजड़ने के कगार पर पहुंचा हुआ है। नगर निगम के मेयर, विधायक और सांसद के गांधी पार्क के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैये को लेकर जनता में रोष व्याप्त है। रुद्रपुर की पहचान के रूप में विख्यात गांधी पार्क का ऐसा हाल देख नगर वासी काफी दुखी है और इसे जनप्रतिनिधियों के नकारे पन का परिणाम बताते हैं। डबल इंजन की सरकार में विकास का दंभ भरने वाली भाजपा की यहाँ तो ट्रिपल इंजन सरकार है। नगर निगम,विधानसभा और संसदीय क्षेत्र तीनों में भाजपा का दबदबा है। इसके बावजूद शहर के गांधी पार्क का बुरा हाल है। एक समय हुआ करता था सुबह शाम नगरवासी ही नहीं बल्कि रुद्रपुर आने वाली लोग गांधी पार्क में घूमते फिरते और मौज मस्ती करते नजर आते थे, लेकिन अब गांधी पार्क के हालात ऐसे हैं कि कोई भी वहां आने से कतराता हैं। कुछ वर्ष पूर्व गांधी पार्क में चारों ओर फुलवाड़ी, पेड़-पौधे नजर आते थे और लोग यहां आकर आनंद महसूस करते थे लेकिन अब तो गांधी पार्क एक में जगह-जगह गîक्के बने हुए और पेड़ पौधें हरियाली का अभाव है। गांधी पार्क की दशा सुधारने को पूर्व में कई बार नगर पालिका और नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च किए लेकिन उस बजट का ज्यादातर हिस्सा खपाने के काम ही किया जाता रहा और कुछ बजट की जमकर बंदरबांट हुई।पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल दो बार रुद्रपुर विधानसभा से विधायक रहे, लेकिन उन्होंने भी गांधी पार्क की हालत सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। यही हालात वर्तमान मेयर रामपाल सिंह और विधायक शिव अरोरा के नजर आ रहे हैं। इनके द्वारा भी रुद्रपुर के एकमात्र विशाल गांधी पार्क को संवारने का कोई प्रयास धरातल पर किया जाता नजर नहीं आ रहा। गांधी पार्क के प्रति जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से आम जनता में तीव्र रोष है। यदि जनप्रतिनिधि द्वारा शहर के एकमात्र पार्क के प्रति ऐसे ही रवैया अपनाए रहे तो आने वाले नगर निगम चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा जरूर भुगतना पड़ेगा।