स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता : राज्यपाल
रूद्रपुर । राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल से.नि.लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मंगलवार को यहां मेडिकल कालेज में आयोजित तराई के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी स्व. पंडित राम सुमेर शुक्ल स्मृति एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व राज्यपाल ने डीडी चौक स्थित पंडित राम सुमेर शुक्ल की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उसके बाद उन्होंने मेडिकल कालेज में आयोजित सम्मान समारोह का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने पर जिला अस्पताल की एएनएम दीपा जोशी, कई बड़ी आपराधिक वारदातों का खुलासा करने वाले एसओ पुलभट्टा कमलेश भट्ट, किच्छा अस्पताल के सर्जन डॉ अश्वनी चौबे, सेवानिवृत्त आईएएस हरवंश चुघ, प्रगतिशील किसान चौधरी सत्येन्द्र और अंतरराष्ट्रीय पैरा बेडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यहां पर एक परिवार और एक खुशी देखकर मन बहुत खुश हुआ। उन्होंने कहा कि आज यहां आकर ऐसा लग रहा है कि 1995-96 में पहुंच गया हूं। जब बनबसा, टनकपुर खटीमा में रहा था तब इस क्षेत्र से एक अलग ही लगाव शुरू हो गया था। ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब का जिक्र करते हुए कहा कि तराई की इस धरती में एक अलग ही नशा है। जो इसका हिस्सा है वही इसे समझ सकता है। दशकों पहले इस क्षेत्र में मुश्किलें थी। इसे इस स्थिति में लाने के लिए बुजुर्गों ने कठिन परिश्रम किया और वाहे गुरू पर भरोसा किया। इसी लिए यह क्षेत्र आज अपना अलग ही मुकाम बना चुका है। हमारे बुजुर्गो ने मेहनत का एक ऐसा में परिणाम दिया कि दुनिया में मिसाल है कि जंगल को काटकर खुशहाल जगह बना सकते हैं। यहां बियावान जंगल था उसे आबाद किया, और खेतों में तब्दील किया। वो पूर्वज हमारी प्रेरणा हैं। आज देश और प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिस गति से विकास हो रहा है मुझे पूर्ण विश्वास है कि भारत जल्द ही विकसित राष्ट्र बनेगा। भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारी धरोहर क्या है हमारे पूर्वजों ने क्या काम किया है। आज सबके सहयोग से उत्तराखण्ड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ से जो ऐलान किया था कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा। उसमें तराई का भी बड़ा योगदान होगा। राज्यपाल ने कहा कि तराई का इतिहास अपने आप में अलग है। मैं एक पहचानना जानना चाहता हूं कि पहले 25 परिवार जो यहां पर आये जिन्होंने इस जंगल को आबाद किया। मैं उनके वंशजों से मिलना चाहता हूं। क्यों कि उन्होंने अपनी मेहनत से एक अपने संकल्प को पूरा करके दिखाया। राज्यपाल ने कहा कि तराई कंे संस्थापक पंडित राम सुमेर शुक्ला और उनके परिवार का तराई को आबाद करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने वह फिर यहां आयेंगे और यहां के लोगों से मिलेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भी आज यहां सम्मानित किया गया है उनसे सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में आयोजकों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी राज्यपाल को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने काशीपुर महाविद्यालय के प्रोफेसर नीरज शुक्ला की पुस्तक ‘शिक्षक एवं पर्यावरण’ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम का संचालन आकांक्षा शुक्ला ने किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, मेयर रामपाल सिंह, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, दिनेश शुक्ला, मनीष शुक्ला, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, गुंजन सुखीजा, रामप्रकाश गुप्ता, उत्तम दत्ता, भारत भूषण चुघ्ज्ञ, सुशील चौहान, राधेश शर्मा आदि भी मौजूद थे।
मेडिकल कालेज में जल्द शुरू होगी एमबीबीएस की पढ़ाई
रूद्रपुर। पंडित राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कालेज में आयोजित स्व. पंडित राम सुमेर शुक्ल स्मृति एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर मेडिकल कालेज की स्थापना होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि मंेडिकल कालेज में बहुत जल्दी एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जायेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कुमांऊ को नए एम्स की सौगात दी है। नये एम्स का भूमिपूजन करने के लिए जल्द ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री यहां पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि नये एम्स का लाभ कुमांऊ के हजारों लोगों को मिलेगा।