एनीडेस्क डाउनलोड कराकर तीन लाख, 39 हजार ठगने का आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे
बागेश्वर। आज के आधुनिक युग में सायबर ठगी करने वाला गिरोह आमजन के लिए मुशीबत का सबब बन रहा है।आए दिन सायबर ठगी के मामले पुलिस के लिए मुशीबत बन रहे है वही झांसे में लेकर साइबर ठग लोगों की गाड़ी कमाई को पल भर में ही लूट ले रहे हैं।
साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस एक्टिव मोड में आ गई है। पुलिस ने एनीडेस्क डाउनलोड कराकर तीन लाख, 39 हजार रुपये ठगने के झारखंड के आरोपी को पकड़ा है। उसके पास से आवश्यक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। मामले में लिप्त दो आरोपियों को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया है।
पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा ने बुधवार को कोतवाली में आयोजित पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा किया है। एसपी ने वर्मा ने बताया कि दो सितंबर 2022 को साइबर क्राइम सेल में चंचल सिंह पुत्र जौहार सिंह निवासी नौकोड़ी कपकोट ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को बैंक कस्मटर केयर अधिकारी बताया। मुझसे एनीडेस्क अप्लीकेशन डाउनलोड करवाया। कुछ ही देर में उनके यूनियन बैंक खाते से तीन लाख 39 हजार, 900 रुपये निकाल लिए। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले साइबर सेल की तकनीकी टीम को सौंप दी। तकनीकी टीम ने मामने में आरोपी शेखपुरा विहार से एक्टिव पाया गया। मामले में तत्काल कपकोट थाने में आईपीसी की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की विवेचना एसआई प्रहलाद सिंह को सौंपी। उनके नेतृत्व में गठित टीम आरोपी की धरपकड़ को रवाना हुई। दबिश के दौरान आरोपी पवन कुमार पुत्र गोरेलाल, जनपद शेखपुरा बिहार को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से तीन एटीमए कार्ड बरामद हुए। जिया राम पुत्र नीमाई चंद्र जिला देवधर झारखंड घर से फरार था। उसके परिजनों को नोटिस तामील करवाया गया। मामले में तीसरा व्यक्ति आयब अस्थाना निवासी नालंदा बिहार के पास से घटना में प्रयोग किया गया मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड बरामद किए गए। उसे भी नोटिस जारी किया है। आरोपी पवन को पुलिस गिरफ्तार कर बागेश्वर ले आई है। बुधवार को पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।