उत्तराखंड में पशुपालक मोबाईल एंबुलेंस सेवा शुरू,टोल फ्री नंबर 1962 लांच
देहरादून। राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई, गोट वैली, राष्ट्रीय गोकुल मिशन व एनसीडीसी के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकार्पण किया। इस दौरान 60 मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस भी योजना का शिलान्यास करेंगे उसका लोकार्पण भी करेंगे। पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा शुरू होने से दूरस्थ क्षेत्रों के पशुपालकों को काफी मदद मिलेगी। कर्नाटक, मेघालय के बाद इस योजना को शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा है। टोल फ्री नंबर 1962 पशुपालक एंबुलेंस सेवा का लाभ ले सकेंगे। गोट वैली योजना में चयनित गांवों में बकरी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देहरादून के श्यामपुर में सीमन लैब का निर्माण किया जा रहा है। उन् होंने कहा कि पशुपालन संतुलित पोषण और आजीविका का बड़ा माध्यम। इसका राज्य की जीडीपी में तीन प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, महापौर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ आदि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने घोषणा कि पशु चिकित्सकों को भी एनपीए का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों की आय में वृद्धि और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार संकल्पित है। इससे ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिकी में भी सुधार होगा। वहीं रिवर्स पलायन को भी बढ़ावा मिलेगा। सचिव पशुपालन भारत सरकार आरके सिंह ने कहा कि भारत दूध में विश्व में नंबर एक, अंडों में नंबर तीन और मीट में नंबर आठ है। पशुपालन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र। उत्पादकता में सुधार की आवश्यकता है। टीकाकरण पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। डा संजीव बालियान ने कहा कि कृषि और पशुपालन एक दूसरे से अलग नहीं। इन्हें साथ मिलकर चलने की जरूरत। पर कृषि ने पशुपालन के साथ वही बर्ताव किया जो कभी यूपी ने उत्तराखंड के साथ किया, तभी दोनों अलग हुए। उन्होंने कहा कि पशुपालन पर बजट खर्च कम है, जबकि ये पलायन को रोकने में मददगार है। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में 95 ब्लॉक हैं। ऐसे में केंद्र की मदद से 35 पशु चिकित्सा वाहन और मिलेंगे। एंबुलेंस में तैनात संविदा पशु चिकित्सक को न्यूनतम 56 हजार रुपये मिलेंगे। अभी रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर जिले में गोट वैली योजना की शुरुआत की जा रही है।