दरिंदों के बरी होने से मातृशक्ति आहत:कैंडल मार्च निकालकर अनामिका को दी गई श्रद्धांजलि
देहरादून(उद संवाददाता)। दिल्ली में दरिंदगी का शिकार हुई पौड़ी जिले की अनामिका को न्याय दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के नेताओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय में दरिंदों के बरी होने से मातृशक्ति में उबाल आ गया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड की बेटी के साथ दिल्ली में हुई दरिंदगी के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट के बरी करने के फैसले पर उत्तराखंड में लोग आहत हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस केस को देख रही एडवोकेट चारु खन्ना से के साथ केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की। उन्हों कहा है कि पीड़िता सिर्फ उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि देश की बेटी थी उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश महिला कांग्रेस ने छावला हत्याकांड की राज्य सरकार से एक बार फिर मजबूत पैरवी करने की मांग की है। कांग्रेसियों का आरोप है कि पुलिस की ओर से मजबूत साक्ष्य कोर्ट में पेश न करने पर आरोपित बरी होने में कामयाब रहे है। इससे बेटी के स्वजन समेत प्रदेश की मातृशत्तिफ आहत है। गुरुवार सायं भारी संख्या में कांग्रेसी घंटाघर चौक पर एकत्रित हुए। यहां महिला पदाधिाकारियों के साथ पूर्व सीएम हरीश रावत व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सैकड़ों लोगों के साथ गांधाी पार्क तक कैंडल मार्च निकालकर छावला में गैंगरेप के बाद मारी गई उत्तराखंड की बेटी को श्रद्धांजलि दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार को न्यायालय में मजबूत पैरवी करनी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से यह भी मांग है कि जिस तरह से वनंतरा प्रकरण की पीड़ित बेटी के स्वजन को मदद की गई, उसी तरह छावला हत्याकांड की पीड़ित बेटी के स्वजन को मदद दी जाए। पूर्व सीएम ने पूछा कि आखिर किरण बेटी के हत्यारे कौन है उसे जघन्यतम यातनायें दकर मारा गया था।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कर वीआईपी के नाम का खुलासा करना चाहिये। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पौड़ी जिले की किरण नेगी को इंसाफ दिलाने के लिये सभी को आवाज उठानी चाहिये। उन्होंने कहा कि कहीं किरण गैगरेप के दोषियों की तरह अंकिता हत्याकांड के दोषियों को भी इसी तरह बरी हो गये तो हमारी बेटियों को कभी न्याय नहीं मिलेगा और वह समाज में असुरक्षित हो जायेंगी।किरण नेगी हत्याकांड की दोबारा जांच करनी चाहिये और हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिये। वहीं महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा की हम न्यायालय का सम्मान करते हैं, लेकिन पुलिस की ओर से ठोस साक्ष्य पेश न करने का खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ा। इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए राज्य सरकार को न्यायालय में मजबूत पैरवी करनी चाहिए। उत्तराखंड में एक के बाद एक हो रही बेटियों के साथ अपराधा से प्रदेश की मातृशत्तिफ आहत है। सरकार महिला सशत्तफीकरण की बात करती है, लेकिन महिला अपराधा का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस पर अंकुश लगाना आवश्यक है। इस मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक अनुपमा रावत,कार्यकारी महानगर अध्यक्ष डा. जसमिंदर सिंह गोगी ,महेंद्र नेगी गुरु, शीशुपाल बिस्ट, नजमा खान, निशान परवीन, आशा टमटा ,राजेंद्र धावन, अनिल बसनेत, प्रदीप डोभाल, गरिमा दासोनी, सुनील जायसवाल, अमित रावत, राबिन त्यागी, राजकुमार जायसवाल ,ओम् प्रकाश सती, मनोज नौटियाल, गुलजार अहमद, शरीफ बेग आदि मौजूद रहे।
न्याय दिलाने को दायर करेंगे पुर्नविचार याचिकाः त्रिवेंद्र
रामनगर। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी की युवती के हत्यारोपितों के सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के मामले में पुर्नविचार का प्रयास करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जाकर इस मामले में अधिावत्तफाओं से बात करेंगे। सीएम धामी तक भी उन्होंने बात पहुंचाई है। प्रयास करेंगे कि इस मामले में कोर्ट में पुर्नविचार याचिका लगाई जाए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय पर वे सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं। लेकिन इस फैसले से लोगों में हताशा व निराशा है। गुरुवार को पूर्व सीएम विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन हजार सरकारी डाक्टर है। रामनगर के पीपीपी मोड के सवाल पर रावत ने कहा कि पीपीपी मोड से स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ावा मिला है। यदि पीपीपी मोड के एक दो अस्पताल में गड़बड़ी है तो उसे ठीक करने की जरूरत है। गैरसैंण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वहां ढांचागत सुविधाएं बढ़ानी होगी।गैरसैंण पर फोकस करना होगा। गैरसैंण की उपेक्षा नहीं हो सकती है। हालांकि स्थाई राजधानी बनाने के सवाल को वह टाल गए। खनन नीति में भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार के राजस्व में नुकसान होगा। सीएम ने अच्छा सोचकर ही खनन नीति बनाई थी। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में राज्य में काफी विकास हुआ है। स्वास्थ्य सुविधा बढ़ी है। अल्मोड़ा, देहरादून, हलद्वानी, श्रीनगर, देहरादून, रुद्रपुर में मेडिकल कालेज बने हैं। अटल आयुष्मान कार्ड योजना से लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं कर लिए उत्तराखंड पहला राज्य है। जहां पति की पैतृक संपत्ति में भी पत्नी को सहखातेदार बनाया है।