न्यायालय में पुलिस की जमकर हुयी किरकिरी, कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

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रूद्रपुर। एसएसपी के दिशा निर्देश पर बीते दिनों नशे के खिलाफ सीओ के नेतृत्व में चलाये गये अभियान के दौरान पुलिस द्वारा हाईवे पर स्थित प्रतिष्ठान गुलाटी चिकन शॉप के स्वामी रवि अरोरा के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बाद कोर्ट ने बिना व्यापारी रवि अरोरा को बिना जमानत के निजी बॉण्ड पर रिहा कर दिया। मामले में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं होने पर न्यायालय में पुलिस की जमकर किरकिरी हुयी। जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान रवि अरोरा के अधिवक्ता बार एसोसिएशन अध्यक्ष दिवाकर पाण्डेय की दलीलों व प्रस्तुत साक्ष्यों के बाद कोर्ट ने आरोपी रवि अरोरा को 20 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा करने के आदेश दे दिये। अधिवक्ता दिवाकर पाण्डेय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बीते 2 नवम्बर की रात्रि सीओ आशीष भारद्वाज के नेतृत्व में पुलिस बल द्वारा नगर में नशे के विरूद्ध अभियान चलाया गया था। इस दौरान पुलिस टीम जब हाईवे पर स्थित गुलाटी चिकन के पास पहुंची तो हाईवे के किनारे कार में कुछ लोग शराब पीते दिखाई दिये। जिस पर सीओ गुलाटी चिकन दुकान पर आ धमके उन्होंने पुलिस टीम के साथ दुकान स्वामी रवि अरोरा को जबरन धकेलते हुए पुलिस वाहन में बैठा लिया और कोतवाली ले गये। जहां उनके विरूद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस घटना से व्यापारियों में रोष व्याप्त हो गया था। और उन्होंने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का कड़ा विरोध भी किया। मामले में न्यायालय में सुनवाई की गई। दिवाकर पाण्डे ने बताया कि रवि अरोरा के बचाव में उनकी ओर से कोर्ट में कई साक्ष्य व दलीलें प्रस्तुत कीं तथा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को पूरी तरह से नियमों के विरूद्ध बताया। उन्होंने पुलिस द्वारा रवि के विरूद्ध दर्ज रपट में धारा 332 व 353 लगाये जाने व रिमांड को भी अनुचित बताते हुए कहा कि अभियुक्त को झूठा फंसाया जा रहा है। ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई है। दिवाकर पाण्डे ने बताया कि न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य ;2014द्ध8 एससीसी 273 में पारित विधिक सिद्धांत का भी संज्ञान लिया। अधिवक्ता पाण्डे ने बताया कि वीडियो फुटेज में भी साफ-साफ स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस जबरन रवि को गाड़ी में डालकर ले जा रही है। दिवाकर पाण्डे ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से प्रस्तुत दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी रवि अरोरा को 20 हजार रूपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा करने के आदेश दिये हैं। जो एक नजीर है।

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