प्राईवेट हॉस्पिटल पर उपचार में लापरवाही का आरोप

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1.70 लाख में किया था रीढ़ की हड्डी के ईलाज का ठेका, हालत और बिगड़ी, सीएमओ से शिकायत

काशीपुर। मुरादाबाद रोड स्थित एक हॉस्पिटल में उपचार के नाम पर किस तरह रोगियों का दोहन किया जा रहा है इसकी ताजा बानगी शुक्रवार को उस समय देखने को मिली जब एक प्राइवेट अस्पताल का निरीक्षण करने आए सीएमओ को मरीज के तीमारदार ने शिकायती पत्र देकर चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। ग्राम हिदायत पुर टांडा, धामपुर अफजलगढ़ बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी विनोद कुमार पुत्र प्रेम सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि बीते 9 अक्टूबर को संतुलन बिगड़ने के कारण उसकी मां अचानक गिर गई। इस दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई। चलने फिरने में दिक्कत होने के कारण उन्हें तत्काल काशीपुर के मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। शिकायतकर्ता ने सीएमओ को बताया कि मां को भर्ती करते समय डॉक्टरों ने उन्हें स्वस्थ करने के नाम पर एक लाख सत्तर हजार का ठेका लिया और कहा कि महज 6 दिनों के भीतर उन्हें उनके पैरों पर चलाकर घर भेजेंगे लेकिन पखवाड़े भर से अधिक समय बीतने के बाद भी वृद्धा की हालत अस्पताल में जस की तस बनी हुई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके मां की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करने में डॉक्टरों ने घोर लापरवाही बरती फल स्वरुप उनकी तबीयत स्वस्थ होने की बजाय और बिगड़ चुकी है। शिकायतकर्ता ने सीएमओ से मांग किया है कि उक्त मामले की गहन जांच पड़ताल करते हुए उसकी मां को समुचित इलाज दिलाया जाए तथा दोष सिद्ध होने पर आमुख अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की जाए।

नाजुक हालत में अस्पताल से निकाला
काशीपुर। इस हॉस्पिटल की कारगुजारियों की लिखित शिकायत करने वाले विनोद कुमार ने एसडीएम को भी मामले से अवगत कराया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि मां के उपचार के नाम पर उसने पहले 1 लाख 44 हजार रुपए अस्पताल में जमा किए इसके बाद 80 हजार रुपए उनसे और जमा कराए गए इसके बाद भी मां की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बाबत जब चिकित्सक से शिकायत किया तो चिकित्सकों ने उसकी मां को अस्पताल से निकाल दिया। फोन पर जानकारी देते हुए विनोद कुमार ने बताया कि नाजुक हालत में वह मां को लेकर मुरादाबाद स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए जा रहे हैं। विनोद ने यह भी बताया कि लाखों की रकम लेने के बाद अस्पताल द्वारा उसे 2 लाख 60 हजार रुपयों का बिल और भी थमाया गया है।

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