अंकिता हत्याकांड का क्राईम सीन रीक्रिएट,वीआईपी गेस्ट की तलाश

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एसआईटी की रिमांड के दौरान रिसार्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता ने पूछताछ में उगले राज, सीसीटीवी फुटेज में मिले पुख्ता सबूत
देहरादून/ऋषिकेश(दर्पण ब्यूरो)। अंकिता भंडारी हत्याकांड में गठित एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने रविवार को मीडिया से वार्ता करते हुए क्राईम सीन रिक्रिएट करने और आरोपियों से हुई पूछताछ की जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में पटवारी वैभव प्रताप सहित अन्य राजस्व अधिकारी से गहन पूछताछ की गई है। किसी की भी अभी गिरफ्रतारी नहीं की गई है। घटना से पहले रिसार्ट में वीआईपी के आने की जानकारी अभी तक जांच में सामने नहीं आई है, लेकिन जांच जारी है। वहां के विशेष कमरों में अगर कोई ठहरता है तो उसकी भी हम जानकारी जुटा रहे है। डीआईजी पी रेणुका देवी ने थाना लक्ष्मण झूला में रविवार की शाम मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि तीन दिन तक पुलकित और उसके साथियों को एसआईटी ने रिमांड पर रखकर गहन पूछताछ की है। इन तीन दिन में काफी गहन साक्ष्य जुटाए गए हैं। तीनों को ही घटनास्थल पर ले जाया गया है। इस वारदात की कैसे प्लानिंग की गई, कैसे घटना की गई इन तमाम बिंदुओं की जांच कर ली गई है। सीसीटीवी फुटेज में काफी साक्ष्य मिले हैं। मौके पर बुलडोजर की मौजूदगी को लेकर उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन 24 सितंबर को हुआ था यह उससे पहले की घटना है। इस पर भी जांच चल रही है, काफी साक्ष्य हमें मिले हैं। हत्या का मकसद क्या है इस पर भी काफी काम किया जा चुका है। अंकिता हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपित रिसार्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता से पूछताछ की। एसआइटी ने पुष्प व तीनों आरोपितों को आमने-सामने बैठाकर घंटों पूछताछ की। इसके बाद पुष्प को छोड़ दिया गया, जबकि आरोपितों को अलग- अलग जगह ले जाया गया। एसटीएफ आरोपितों से मोबाइल बरामदगी के प्रयास करने में जुटी हुई है। एसआइटी शुक्रवार की शाम को तीनों आरोपितों को पौड़ी जेल से पुलिस रिमांड पर लेकर आई थी। सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें ऋषिकेश के आसपास ही कहीं गुप्त ठिकाने पर रखा गया। सुरक्षा के बीच एसआइटी तीनों आरोपितों को रात के समय घटनास्थल पर लेकर आई और सीन रीक्रिएट किया। एसआईटी के अनुसार पुलकित ने फोन नहर में फेंकने की बात झूठी कही। आरोपितों ने एसआइटी को बताया कि वह तीनों अंकिता के साथ तकरीबन शाम आठ बजे निकले रिसार्ट से निकले थे। साढ़े आठ बजे चारों ने चीला बैराज का बैरियर पार किया और बैराज पर पहुंचकर कुछ समय बैठे।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने माना है कि किसी बात को लेकर पुलकित व अंकिता के बीच झगड़ा हो गया, जिसके कारण उन्घ्होंने घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि पुलकित ने फोन नहर में फेंकने की बात भी झूठी कही थी। सर्विलांस टीम ने जब उसके लोकेशन खंगाली तो वह सुबह तक रिजार्ट में पाई गई। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरोपित घटना को अंजाम देने के बाद रिसार्ट लौटे। इसके बाद अंकिता का दोस्त पुष्प पुलकित को फोन कर रहा था, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। रात भर फोन पुलकित के पास रिसार्ट में था, जब उसे एहसास हुआ कि फोन से वह फंस सकता है तो सुबह उसने फोन नहर में फेंक दिया। अंकिता व पुष्प के बीच हुई वाट्सएप चेट में जिस वीआइपी गेस्ट का जिक्र किया गया है, उसके बारे में भी एसआइटी ने पूछताछ की। आरोपितों ने बताया है कि वहां कौन- कौन आता था और अंकिता किस वीआइपी गेस्ट के बारे में बात कर रही थी। हालांकि इस पूरे मामले को एसआइटी ने गुप्त रखा हुआ है, क्योंकि इसमें कुछ नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में पूरी तरह से संलिप्तता सामने के बाद ही एसआइटी किसी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपित काफी खौफ में हैं। अब तक एसआइटी ने उनसे कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर चुकी है, लेकिन पुख्ता सबूत हासिल करने के लिए एसआइटी की टीम जुटी हुई है।

मुख्यमंत्री जी अभी तक उस वीआईपी की गिरफ्तारी का न होना लोगों को चिंता में डाल रहा है: हरीश रावत
देहरादून। उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी की जांच में अब रिसार्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट का खुलासा जल्द हो सकता है। सरकार और पुलिस प्रशासन से अब तक हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार माने जा रहे वीआईपी की गिरफ्रतारी को लेकर भी आवाज उठाई जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लगातार सरकार पर हमलावर रूख अखितयार कर रहे है। इतना ही नहीं पूर्व सीएम ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त एक हुए सीएम से जल्द से जल्द वीआईपी का खुलासा करने की मांग की है। एक पोस्ट में पूर्व सीएम हरदा ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी अंकिता भण्डारी ने अपनी पोस्ट में जिस वीआईपी का जिक्र किया था और यह कहा था कि एस्कॉर्ट करने के लिए मेरे ऊपर दबाव डाला जा रहा है। अभी तक उस वीआईपी की गिरफ्तारी का न होना लोगों को चिंता में डाल रहा है! राजनीतिक लोगों के जेहन में वह चेहरा कुछ-कुछ साफ होने लगा है। लोगों को संदेह है कि वह वीआईपी बहुत ही वजनदार व्यत्तिफ है और उत्तराखंड के राजनीतिक घटनाक्रम से उसका पहले भी संबंध रहा है। ज्यों-ज्यों ये बातें चर्चा में आ रही हैं, लोगों की चिंता और गहरी होती जा रही है! मैं राज्य के प्रबुद्ध जनमानस से प्रार्थना करना चाहूंगा कि अपने-अपने तरीके से अगले दो-तीन दिन में अपनी चिंता को अभिव्यक्ति दीजिए। चाहे उपवास के माध्यम से दीजिए, चाहे बयानों के माध्यम से दीजिए, चाहे सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दीजिए। मुख्यमंत्री जी राज्य के भरोसे को कायम रखिए।

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