पुलकित का करीबी है पटवारी वैभव प्रताप: गुस्साये लोगों ने किया श्रीनगर हाईवे जाम
श्रीनगर । अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में गम व गुस्सा बरकरार है। श्रीनगर में अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर लोगों ने बदरीनाथ हाईवे जाम कर दिया। अंकिता के स्वजन ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े है। रविवार को मोर्चरी के बाहर लोगों ने हंगामा किया। श्रीनगर में भारी संख्या में लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे। इस दौरान अंकिता के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर आक्रोशित जनता ने मोर्चरी के पास नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। प्रदर्शन में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही व्यापारी और बुजुर्ग तथा बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। विरोध में श्रीनगर और श्रीकोटगंगानाली के बाजार भी बंद रहे। रविवार को श्रीनगर में पैतृक घाट में अंकिता का अंतिम संस्कार किया जाना है। जिसे लेकर यहां सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं प्रदेश भर में अंकिता हत्याकांड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। गुस्साये लोग भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग की हैं। लोगों का कहना है कि सरकार इस मामले की फास्ट ट्रैक पर सुनवाई कर अंकिता भंडारी के परिवार को न्याय दिलाए। सूचना पाकर उप जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि सैनी यहां पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की। करीब एक घंटा जाम लगाने के बाद जाम खोल दिया गया।अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका अंदेशा है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकता है। इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई है। वहीं, अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें सबूत हो सकते थे। अब जब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आएगी तब ही अंकिता की अंत्येष्टि की जाएगी। वहीं बीती शाम से ही प्रशासन की टीम अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनानाने में जुटी थी। अंकिता हत्याकाण्ड के मामले में राजस्व उपनिरीक्षक की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं। पता चला है कि राजस्व उपनिरीक्षक वैभव प्रताप हत्यारोपी पुलकित आर्य का करीबी था और मामले को दबाने की उसने पूरी कोशिश की। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजस्व उपनिरीक्षक अकसर पुलकित के रिसॉर्ट पर आता जाता था। उसका कमरा भी अकसर रिसॉर्ट में बुक रहता था। राजस्व उपनिरीक्षक का घटना के बाद अवकाश पर जाना और उसके बाद तीन दिन और छुट्टी का बढ़ाना भी संदेह पैदा करने वाला है। सूत्रों के मुताबिक रिसॉर्ट के मालिक मुख्य आरोपित पुलकित आर्य ने 19 सितंबर को ड्यूटी पर तैनात पटवारी वैभव प्रताप को दूरभाष के जरिये घटना की जानकारी दी। जिस पर इस अधिकारी ने सलाह दी कि गुमशुदगी की रिपोर्ट 24 घंटे के बाद दर्ज होती है। अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी के मुताबिक इस मामले में 20 सितंबर को जब वह पटवारी चौकी पहुंचे तो वहां पहले से पुलकित आर्य पहले से मौजूद था। अंकिता के पिता ने पुलकित से यही सवाल किया कि जब 19 सितंबर को उन्हें अंकिता के गुमशुदा होने की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल राजस्व पुलिस को क्यों नहीं सूचित किया। राजस्व पुलिस की भूमिका पर सवाल तब खड़े हुए हैं जब बीस सितंबर को राजस्व उपनिरीक्षक वैभव प्रताप अवकाश पर चले गए। इनकी जगह पर चार्ज विवेक कुमार को दे दिया गया। विवेक कुमार भी पुलकित का करीबी बताया जा रहा है। विवेक कुमार ने भी अंकिता के पिता की चौकी में मौजूदगी और उनके शिकायत पत्र पर संज्ञान लेने के बजाय पुलकित आर्य की साधारण गुमशुदा रिपोर्ट को दर्ज कर लिया। जबकि अंकिता के पिता ने उसी रोज अपनी तहरीर में पुलकित आर्य और उसके दो साथियों पर पुत्री को गायब करने सहित अन्य आरोप लगाया था। राजस्व उपनिरीक्षक वैभव प्रताप के साथ पुलकित आर्य के संबंधों को लेकर स्थानीय ग्रामीण प्रदर्शन के दौरान कई आरोप लगाते रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात राजस्व उपनिरीक्षक विवेक कुमार को तो निलंबित कर दिया गया है। लेकिन वैभव प्रताप के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। फिलहाल वैभव प्रताप ने अपनी तीन दिन की छुट्टी और बढ़ा दी है। मामले में वैभव प्रताप की भूमिका पर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं और उनके निलंबन के साथ ही उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाइ्र की मांग कर रहे हैं। अंकिता के परिजन डड्ढूटी पर तैनात राजस्व उपनिरीक्षक के निलंबन की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए ड्यूटी पर तैनात और अवकाश पर गए दोनों ही अधिकारियों सहित जितने भी दोषी हैं, उनके खिलाफ अपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही इसके साथ ही रिसॉर्ट में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।