किच्छा में कब्जेदारों की दुकानों पर गरजा बुल्डोजर,शुक्ला ने जमकर काटा हंगामा

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किच्छा (उद संवाददाता)। पुराने अस्पताल की भूमि की अस्थाई लीज निरस्त होने के बाद जिला पंचायत द्वारा अतिक्रमण तोड़े जाने को लेकर वहां आज जमकर बवाल हो गया। इस बीच प्रशासनिक टीम ने कई अतिक्रमण भी ध्वस्त किये गये। जेसीबी न रूकने पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला पीड़ित लोगों के साथ अतिक्रमण हटा रही जेसीबी मशीन के आगे बैठ गये और जमकर हंगामा काटा। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मौजूद प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए आरोप लगाया कि जिला पंचायत ने कई जगहों पर कब्जा कराया हुआ है लेकिन वहां पर कोई कार्रवाई नही हो रही है।अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची प्रशासन की टीम के साथ पूर्व विधायक राजेश शुक्ला की नोक झोंक हो गयी।  जानकारी के अनुसार पुराने अस्पताल की भूमि की अस्थाई लीज निरस्त होने के बाद जिला पंचायत द्वारा कब्जेदारों को गत दिवस 12 घंटे में भूमि खाली करने के लिए नोटिस चस्पा किये गये थे। वहीं नोटिस के बाद आज प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की टीम के आने से पूर्व ही कब्जेदारों ने बेमन से अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। जिला पंचायत विभाग की इस कार्रवाई के दौरान आज पूर्व विधायक राजेश शुक्ला,भाजपा नेता धर्मराज जायसवाल समेत अन्य लोग भी वहां आ पहुंचेे। सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिये एसडीएम,सीओ ओमप्रकाश शर्मा, कोतवाल धीरेन्द्र कुमार, जिला पंचायत से तेज पाल सिंह भारी पुलिस फोर्स और जेसीबी मशीनों के साथ वहां पहुच गये। टीम के वहां पहुंचते ही जमकर हंगामा शुरू हो गया। जब अधिकारियों द्वारा जेसीबी मशीन की मदद से कब्जा हटाने की कोशिश की गई तो पूर्व विधायक शुक्ला ने कब्जेदारों के साथ जेसीबी मशीन के आगे बैठकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। पूर्व विधायक के विरोध के चलते थोड़ी देर के लिये ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को रोकना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा श्री शुक्ला को काफी देर समझाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन वह नही माने। काफी देर बाद श्री शुक्ला वार्ता के लिये मान गये और आवासीय परिसर और लीज वाली जगह छोड़ कर अन्य अवैध दुकानों का ध्वस्तीकरण करने पर सहमति बन गई। जिसके बाद प्रशासनिक टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को पुनः शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक बुल्डोजर व जेसीबी से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जारी थी। गौरतलब है कि पुराने अस्पताल की भूमि पर करीब आठ परिवार पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं। वहीं लगभग एक दर्जन दुकानदार रोजगार करते आ रहे है। गत दिवस जब जिला पंचायत के अधिकारी भूमि खाली करने के नोटिस चस्पा करने मौके पर गये थे तो वहां उन्हें भूमि के कब्जेदारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस दौरान अपर मुख्य अधिकारी की रोषित लोगों से हाई कोर्ट में यह वाद लंबित होने की बात को लेकर तीखी नोंक झोंक भी हुई थी। कब्जेदारों का कहना था कि तीन जनवरी 2005 को गेंदा देवी पत्नी रामलखन यादव और सुरजीत सिंह कामरा पुत्र हरभजन सिंह ने पुराने अस्पताल की 896 वर्ग मीटर भूमि को जिला पंचायत डिस्ट्रिक बोर्ड से तीस वर्ष के लिए अस्थाई लीज कराई थी। वहीं जिला पंचायत अधिकारियों का कहना था कि लीज में दी गई शर्तों का उल्लंघन करने पर सरकार ने 26 जुलाई 2022 को अस्थाई लीज निरस्त कर दी थी। सभासद राजीव सक्सेना व गेंदा देवी के पुत्र श्याम सुंदर का कहना था लीज सम्बंधी मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए जिला पंचायत द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को उचित नहीं कहा जा सकता है।

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