रूद्रपुर में लगातार बारिश से रात भर अटकी रही लोगों की सांस: पुलिस और एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाकर फँसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया

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रूद्रपुर। शनिवार को दिनभर हुई भारी बारिश ने बीती शाम शहर को पिछले साल बाढ़ से मची तबाही का याद दिला दी। रात तक रूक रूककर हुई बारिश के चलते निचले इलाकों में रह रहे लोगों की सांस अटकी रही। वहीं प्रशासन रात भर अलर्ट नजर आया। बता दें पिछले साल अक्टूबर में भारी बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया था। जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। मुख्य बाजार में जहां दुकानों में पानी भर गया वहीं कल्याणी के आस पास रह रहे लोगों ने जो मंजर देखा उसे याद करके आज भी लोग सहम जाते हैं। कल दिन भर हुई बारिश ने एक बार फिर लोगों को पिछले साल का वह खौफनाक मंजर याद दिला दिया। शाम ढलने तक जब बारिश नहीं रूकी तो तमाम लोगों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले ली। प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी के साथ ही एसडीएम तहसीलदार समेत तमाम आला अधिकारी जलभराव वाले इलाकों का दौरा करते रहे।निचले इलाकों में स्थित बस्तियों में रह रहे सैकड़ों लोगों को राहत शिविर में रखा गया। बारिश के बीच पूरी रात लोगों की सांस अटकी रही। शुक्र रहा कि रात को बारिश बंद हो गयी जिसके चलते सुबह लोगों की जान में जान आयी।  रूद्रपुर में लगातार बारिश से शनिवार को कल्याणी का जलस्तर अचानक बढ़ा तो नगर में बाढ़ जैसे हालात बन गए। नदी के किनारे स्थित 200 से अधिक मकानों में पानी घुस गया। लोग घबराकर मकानों की छतों पर चढ़ गए। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने कुछ लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला। वहीं मुख्य बाजार में भी भारी जलभराव से व्यापारियों की दुकनों और आवासीय भवनों में नालियों का पानी घुस गया। व्यापारियों ने जलभराव को लेकर आका्रेश व्यक्त किया है। रुद्रपुर में शाम को कल्याणी नदी के पानी के घरों में घुसने से मुखर्जी नगर, जगतपुरा, ट्रांजिट कैंप, भूत बंगला आदि क्षेत्रों में रह रहे लोगों में दहशत फैल गई। एडीएम ललित नारायण मिश्रा ने टीम के साथ जगतपुरा और भूतबंगला में जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने मुनादी कर लोगों को जलभराव वाले स्थानों से निकाला। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने भी जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। कोतवाल विक्रम राठौर ने भूतबंगला में जलभराव वाले स्थान से एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। इधर, विधायक शिव अरोरा ने भी ट्रांजिट क्षेत्र में जलभराव का निरीक्षण किया। एडीएम ने बताया कि मुखर्जी नगर में काफी जलभराव हो गया है। प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए स्कूल चिर्ििंत किये गये है। अरविंदनगर गांव में पांच फीट तक पानी भर गया। करीब 200 परिवारों के घरों में पानी घुस गया। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले परिवारों को झाड़ी गांव के प्राथमिक स्कूल में बने राहत शिविरों में ठहराया है। बैगुल, कैलाश, सूखी नदी भी पूरे उफान पर पहुंच गई। बैगुल नदी किनारे बसा अरविंदनगर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है। अरविंद नगर नंबर सात, आठ, नौ में रहने वाले करीब दो सौ परिवारों के घरों में पानी घुस गया। चीकाघाट, उकरौली समेत करीब आधा दर्जन गांव जलमग्न हो गए। तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, कानूनगो मोइनुद्दीन और पटवारी भगीरथ लाल ने लोगों को घरों से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए नाव उपलब्ध कराई गई है। पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे ने बताया कि पालिका ने जल निकासी के लिए कई जगह जेसीबी के साथ टीम को तैनात किया है। कोतवाल प्रकाश सिंह दानू, एसएसआई विनोद फर्त्याल की पुलिस टीम ने गांव से करीब 80 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं भारी बारिश से जलभराव के चलते डीआईजी कुमायूँ रेंज नीलेश आनंद भरणे द्वारा कंट्रोल रूम रुद्रपुर पहुचंकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। और जनपद के अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये। शनिवार को डीआईजी कुमाऊं रेंज डॉ नीलेश आनंद भरणे व एसएसपी मंजूनाथ टीसी द्वारा पुलिस कार्यालय रुद्रपुर स्थित कंट्रोल रूम से जनपद में हो रही भारी वर्षा से प्रभावित विभिन्न स्थानों की स्थिति का जायजा लिया। अधीनस्थों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बरसात के चलते जनपद पिछले 48 घंटे से भरी बारिश से बाड़ जैसे हालात बन गये। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू करने के लिये पुलिस और एनडीआरएफ की कई टीमें मुस्तैदी से जुटी रही। वहींे निचले स्थानों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। एसएसपी के निर्देश पर उधमसिंहनगर पुलिस द्वारा प्रत्येक थाना/चौकी क्षेत्र में जलभराव वाले स्थानों पर पुलिस द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाकर फँसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। वहीं जिलाधिकारी द्वारा आपदा के चलते राहत बचाव हेतु आपातकाल बैठक ली गई। जिसमें पुलिस, फायर, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व प्रशासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। जिसमें जिलाधिकारी महोदय द्वारा पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को संयुत्तफ रूप से राहत एवं बचाव कार्य करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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