जिन्होंने दर्द सहा, अत्चायार सहा, यातानायें सही, अपनों को खोया प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान देने का काम किया : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने सेनानियों को किया सम्मानित
रूद्रपुर । विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में आज गंगापुर रोड स्थित जेसीज स्कूल के सभागार में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने प्रदेश भर के विभाजन विभीषिका सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से सैकड़ों सेनानी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजन की सराहना की और विशेषकर आयोजन के लिए संयोजक शिव अरोरा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिन बुजर्गों ने अपनी आंखों के सामने इतना बड़ा दर्द देखा उनका जितना भी सम्मान किया जाये वह कम हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी यह एक ऐतिहासिक निर्णय था। जिन्होंने दर्द सहा, अत्चायार सहा, यातानायें सही, अपनों को खोया ऐसे कई गुमनाम लोग हैं जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान देने का काम किया है। मोदी जी के नेतृत्व में ऐसे कई ऐतिहासिक काम हुए हैं। इस प्रकार की विशिष्ठ सोच सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही है। धामी ने कहा 24 जुलाई को मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन हुआ था उस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा विभाजन विभिषिका के जितने भी हमारे बड़े बुजुर्ग हैं उनको बुलाकर सम्मान करना चाहिए और इस स्मृति दिवस को जरूर मनायें। आज इसी के चलते हमें उन बुजुर्गों से मिलने का अवसर मिला जिन्होंने विभाजन की विभिषिका का दर्द सहा है। सीएम धाामी ने कहा विभाजन के सेनानियों ने भूखे प्यासे रहकर जीवन बिताया। पाकिस्तान से जब भारत आये तो कुछ लोग बाढ़ की चपेट में आकर शहीद हो गये। जो मुश्किलों का सामना करके हिंदुस्तान आये उन्होंने देश के विकास में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया। विभाजन का दर्द झेलने वाले पंजाबी समाज का इस तराई को बसाने में भी बहुत बड़ा योगदान है। इतनी बड़ी त्रासदी के बावजूद इस समाज ने अपनी जमीन और अपना नया आसमान बनाया। हम सब उनके संघर्ष के )णी है। आज सेनानियों का ये कोई सम्मान नहीं बल्कि सेनानियों को सम्मानित करके हम खुद सम्मानित हो रहे हैं जो कुछ उस समय घटित हुआ उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। ना उसकी भरपाई की जा सकती है। देश में पिछले आठ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक काम हुए है जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। विभाजन के नरसंहार का स्मरण हुआ है तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है। ऐसे कार्यक्रम आज देश भर में हो रहे हैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की सोच हैं। सीएम धामी ने कहा हमारा अमृत काल शुरू होने वाला है आने वाले 25 सालों में देश दुनिया का सिरमौर बनेगा। उस भारत को गढ़ने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। कुछ साल पहले तक कोई धर्म की बात नहीं करता था, योग की बात नहीं करता था और संस्कृति की बात नहीं करता था। अब भारत पूरी दुनिया को दिशा देने और नेतृत्व करने का काम कर रहा है। उत्तराखण्ड को भी प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में आगे बढ़ाने का काम तेजी से किया जा रहा है। उत्तराखण्ड की स्थापना का जब हम 25वां वर्ष मनायेंगे उस समय हम पूरे देश में सबसे श्रेष्ठ राज्य में गिने जायेंगे इसी संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। इसी सोच के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने उधम सिंहनगर जिले में एम्स दिया है। यहां के पंजाबी समाज की प्रमुख मांग अमृतसर के लिए टेªन भी जल्द से जल्द चलाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। रूद्रपुर में बाईपास स्वीकृत हो चुका है जल्द ही बाईपास बनेगा। गदरपुर का बाईपास कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रहा है। हरिद्वार देहरादून जाने के लिए अब एक घंटा तक का समय कम लगता है, आने वाले समय में ये और भी कम हो जायेगा। ऐसे अनेक कार्य आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में हो रहे हैं। सिंगल विंडो सिस्टम प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विभाजन के दौरान शहादत देने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित करेगी। कोशिश रहेगी कि अगली बार इससे भी भव्य आयोजन हो।
इससे पहले अपने सम्बोधन में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि जनता के लिए समर्पित मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी मिले हैं। आज पीएम मोदी के निर्देशन में उन्होंने इतना सुंदर कार्यक्रम आयोजित किया है यह सराहनीय हैं वास्तव में ऐसा ही मुख्यमंत्री इस प्रदेश को चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। जो दर्द हमारे बुजुर्गों ने सहा उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टर लोगों और मानव शत्रुओं ने मानवता को इस कदर शर्मसार कर दिया कि महिलाओं और बेटियों को खुद अपनी जान कुर्बान करनी पड़ी। विभिषिका सेनानियों ने अपना सब कुछ कुर्बान करके खुद को खड़ा किया यह जज्बा आसान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर घोषणा नहीं करते तो आज यह सम्मान शायद इन सेनानियों को नहीं मिल पाता। जो बलिदान सेनानियों ने दिया है उसकी भरपाई तो नहीं की जा सकती है लेकिन उन्हें सम्मान करके हम उन्हें गौरवान्वित जरूर कर सकते हैं। सेनानियों के कष्टों और दुखों को देश कभी भुला नहीं पायेगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने काठगोदाम से अमृतसर तक टेªन चलाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
सैनिक कल्याण मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने कहा भारत आजाद तो हुआ इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। हिंदू सिख भाईयों पर बहुत बड़ा अत्चायार हुआ। दस लाखों लोगों की हत्या हुयी। दो करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए। फिर भी यह कहते हुए गर्व है कि यहां आये लोगों ने कष्ट को झेलकर भी विकास की नई इबादत लिखी। जो लोग विस्थापित होकर आये केवल एक कपड़ा था आज पंजाबी समाज ने अपने पुरूषार्थ के बल पर बहुत कुछ हासिल किया है यह प्रेरणादायी है। इस समाज का प्रदेश और देश को आगे चलाने में बहुत बड़ा योगदान है। आज से पहले भी सरकार आयी लेकिन कभी किसी सरकार ने नहीं सोचा कि इनका सम्मान होना चाहिए। यह सम्मान मिला तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए यह कार्यक्रम आयोजित करवाया। मुख्यमंत्री धामी अपनी इच्छाशक्ति के दम पर प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम संयोजक एवं रूद्रपुर के विधायक शिव अरोरा ने कहा कि 14 अगस्त 1947 को देश के विभाजन का मंजर इतना खौफनाक था कि उसके बारे में सोचकर भी लोग सहम जाते हैं। दस लाख लोगों की इस विभाजन में जान चली गयी। विभाजन का दर्द विश्व की सबसे बड़ी विभीषिका है। अपने धर्म और सम्मान की रक्षा के लिए हजारों परिवार अपना सब कुछ छोड़कर हिंदुस्तान आ गये। इस दौरान बहु बेटियों की इज्जत बचाने के लिए खुद उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इस दर्दनाक मंजर का एकमात्र कारण रहा उस समय का नेतृत्व। मोहम्मद अली जिन्ना की जिद ने भारत मां के टुकडे कर दिये। जनता को मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन बाद में देश की सरकारों ने विभाजन के सेनानियों का बलिदान को भुला दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी ने इस बलिदान को याद किया और उन्हें सम्मान देने का ऐलान किया। जिसकी बदौलत आज हम यहां एकत्र हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अगस्त विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। हमारा सौभाग्य है कि हमारे प्रदेश का नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी उन्हीं के नक्शे में चलकर देश को उन्नति के शिखर पर ले जा रहे हैं। उनका इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की पुस्तक ‘पाच्चजन्य’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कैबिनेट मत्रंाी गणेश जोशी,पंजाबी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव घई, विधायक कैंट सरिता कपूर,रूड़की विधायक प्रदीप बतरा,विधायक अरविंद पाण्डे,पूर्व सांसद बलराज पासी,कार्यक्रम संयोजक विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी नानकमत्ता के अध्यक्ष बलवंत चुघ, राजपाल सिंह, विवेक सक्सेना, विश्वास डाबर, हरवंश चुघ, राजेश शुक्ला, सुरजीत ग्रोवर, सुशील गावा, हरीश जल्होत्रा, वेद ठुकराल, भारत भूषण चुघ, गुरमीत सिंह, अशोक छाबड़ा, किरन विर्क, सुभाष तनेजा,सुनील खेड़ा, राजकुमार पुटेला, सुधांशु गावा, नरेन्द्र अरोरा, बल्देव छाबड़ा,प्रवीण सेठी,सुखदेव सिंह, राजू गाबा, सुरेन्द्र गिरधर,सुधांशु गावा, राजेश डाबर, चेतन अरोरा, पंकज गकाबा, सुनील ठुकराल, प्रीत ग्रोवर, दीपक अरोरा, हरीश जल्होत्रा,सुरेन्द्र मिड्डा, संदीप अरोरा, रौनिक नारंग, यमन बब्बर, आशीष छाबड़ा, राजेश पप्पल,संदीप अनेजा, रवि सिडाना, ललित मिगलानी, निशान ढल्ला, विकास शर्मा, विनय बत्रा,पंकज गाबा, अजय चड्डा, यमन बब्बर, कस्तूरी लाल तागरा,सुरेन्द्र अरोरा, राजकुमार सीकरी, पंकज बांगा, विपिन जल्होत्रा, प्रवीन सेठी, अशोक चावला, मनीष सपरा, चेतन अरोरा,रचना अरोरा, पायल गाबा आदि सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।