जल सैलाब से क्षतिग्रस्त पुलिया का दस माह में भी नहीं हुआ निर्माण

0

रूद्रपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा सबका साथ, सबका विश्वास एवं सबका विकास का नारा यहां जिला मुख्यालय में पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है। राज्य में विकास की गंगा बहा देने की बातें कह कह कर थक नहीं रही प्रदेश की भाजपा सरकार एवं जनसमस्याओं के त्वरित समाधान करने के दावे करने वाले प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं। परंतु वास्तविकता इससे कोसों दूर दिखाई दे रही है। जिसका एक जीता जागता उदाहरण जिला मुख्यालय में देखा जा सकता है। लगभग 10 माह पूर्व भीषण बारिश के दौरान आये जल सैलाब से मोहल्ला कल्याणी व्यू एवं मोहल्ला शिवनगर को जोड़ने वाली कल्याणी नदी के ऊपर बनी पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। घटना के पश्चात कई जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पुलिया का निरीक्षण कर स्थानीय निवासियों को आश्वस्त किया था कि पुलिया का शीघ्र निर्माण कराया जायेगा लोगों को ज्यादा दिनों तक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। हांलाकि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली ऐसी घटनाओं के दौरान क्षतिग्रस्त हुए पुल, पुलिया, सड़क व अन्य भवनों के पुर्ननिर्माण एवं देखरेख के लिए पृथक से विभाग का गठन किया गया है। परंतु 10माह का समय बीत जाने के बाद भी जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्मा के लिए कोई सुध न लेना इस बात को साफ जाहिर कर रहा है कि भाजपा सरकार की कथनी व करनी में भारी अंतर है। इधर लोगों की परेशानियां बढ़ती गईं चंद कदम दूरी पर स्थित सामने के मोहल्ले में जाने के लिये लोगों को काफी लम्बा चक्कर काटना पड़ रहा था। जब कई माह तक शासन प्रशासन ने क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से उम्मीद छोड़ आपसी सहयोग से बांस की अस्थाई पुलिया बना ली और किसी तरह जान जोखिम में डालकर पुलिया से गुजरकर आवागमन शुरू किया। परंतु शायद भगवान को लोगों का इस तरह से जान जोखिम में डालकर अस्थाई पुलिया पर से होकर गुजरना अच्छा नहीं लगा। विगत दिवस कुछ देर के लिए हुई तेज बारिश में लोगों द्वारा बांस से बनायी गई अस्थायी पुलिया कल्याणी नदी के तेज बहाव को सहन नहीं कर सकी और पुलिया फिर से क्षतिग्रस्त हो गयी। लेकिन विधायक और प्रशासन द्वारा इससम्बंध में अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया। उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदा से घिरा प्रदेश होने के चलते प्रदेश में आपदा प्रबन्धन के लिये एक अलग आपदा प्रबंधन विभाग है और इस विभाग के लिये प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये आवंटित होता है। हजारों की आबादी के आवागमन के लिये बना पुल पिछले 10 माह से क्षतिग्रस्त होकर बहा हुआ है लेकिन आज तक इस पुल के लिये जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस पहल नही की गई है। कल्याणी व्यू एवं मोहल्ला शिवनगर को जोड़ने वाले इस पुल से प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता था लेकिन अब पुल न होने से स्कूल जाने वाले बच्चों सहित काम पर जाने वाले हजारों लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग जिनमें वृद्ध, महिलायें, बच्चे, छात्र, छात्रायें, श्रमिक, युवा आदि शामिल हैं टूटी पुलिया के कारण नदी के बीच में कूढ़े के ढ़ेर व गंदे पानी के ऊपर से होकर नदी पार करने को मजबूर हो रहे हैं। अब जबकि मानसून की पूर्व बरसात प्रारम्भ हो चुकी है ऐसी स्थिति में अचानक बाढ़ आ जाने से किसी भी गंभीर घटना के घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए शासन प्रशासन को समय रहते तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.